vinod upadhyay

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शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

IAS, IPS-IFS के लिए 'ये करें-ये न करें' नियम

नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ब्यूरोक्रेट्स के लिए अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 में संशोधन कर 19 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की है। IAS, IPS और IFS के इनका पालन करना अनिवार्य कर दिया है। इसमें ''राजनीतिक तटस्थता", "सिर्फ योग्यता के आधार पर सिफारिशें करने" और अन्य बातों के अलावा "केवल सार्वजनिक हित में निर्णय लेना" शामिल है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के नोट के मुताबिक, यह संशोधन राज्य सरकारों से चर्चा के बाद ही तैयार किए गए हैं। अखिल भारतीय सेवा के प्रत्येक अधिकारी पर लागू होने वाले इस नए संशोधन के अनुसार, सभी सिविल सेवा अधिकारी अपने नियंत्रण और अधिकार के तहत ड्यूटी के दौरान कर्तव्यों का पूर्ण निर्वहन करेंगे और अखंडता बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम भी उठाएंगे। इसके अलावा जब वह कर्तव्यों से मुक्त होंगे, तब भी विनम्र बने रहेंगे और आम लोगों के साथ उनके व्यवहार में टालमटोल की रणनीति नहीं होगी। सरकार ने सिविल सेवकों से यह भी उम्मीद की है कि वह नवीन संशोधनों को आचरण की तरह स्वीकार करेंगे। ये हैं नियम, जो IAS, IPS-IFS पर लागू होंगे- नए संशोधित नियमों के अनुसार जिसमें अखिल भारतीय सेवा के आईएएस, आईएफएस और आईपीएस अधिकारी शामिल हैं को इन बातों का विशेष तौर पर ध्यान देना अनिवार्य कर दिया गया है। - पब्लिक ड्यूटी के अतिरिक्त उससे जुड़े निजी हितों का खुलासा करना। अगर सार्वजनिक हितों से जुड़ा कोई मुद्दा है तो उसे दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाना होगा। - यह सुनिश्चित करना होगा कि वे (अफसर) किसी ऐसे वित्तीय या निजी या संगठन से नहीं जुड़ेंगे, जिससे उनके सरकारी कार्य पर असर पड़ता हो। - सिविल सर्वेंट (सरकारी सेवक) के तौर पर इस तरह का कोई निर्णय नहीं लेंगे, जिससे उन्हें या उनके परिवार या दोस्तों को कोई वित्तीय लाभ पहुंचता हो। - जनता खासकर कमजोर तबके के लोगों के साथ शिष्टाचार और अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन करेंगे और सार्वजनिक तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन करेंगे। - सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग करने के लिए अपने विवेक का सही इस्तेमाल करेंगे और कुशलतापूर्वक, प्रभावी ढंग तथा आर्थिक तौर पर जनता के हितों को देखते हुए आवश्यक फैसले लेंगे। - अपने कर्तव्य के पालन में उच्च नैतिक मानदंडों का पालन करते हुए निष्ठा और ईमानदारी बनाए रखेंगे और हमेशा निष्पक्षता के सिद्धांतों को बढ़ावा देंगे। - जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखेंगे। - अपने कर्तव्य के निर्वहन के समय विकल्पों पर निर्णय लेते समय स्वविवेक का सावधानी से इस्तेमाल करेंगे। - पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ काम करेंगे और विशेषकर गरीब और समाज के वंचित वर्ग के खिलाफ कभी भेदभाव नहीं बरतेंगे। - कानून, नियम, विनियमों और स्थापित परंपराओं के विपरीत कोई भी कार्य करने से बचेंगे। - अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अनुशासन बनाए रखेंगे और वैध आदेशों को लागू करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। - अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उच्च कोटि की व्यावसायिकता और समर्पण का प्रदर्शन करेंगे। - अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति क्यों न हो, भारत की संप्रभुता का हमेशा ध्यान रखेंगे। - किसी भी तरह की ऐसी सूचना जो राज्यों की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक और आर्थिक हितों से जुड़ी हो, किसी भी अन्य देश के लोगों के साथ साझा न करेंगे और न ही किसी तरह के अवैध लाभ के भागी बनेंगे। ऐसा करना कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में माना जाएगा और उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सोमवार, 28 जुलाई 2014