vinod upadhyay

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रविवार, 12 दिसंबर 2010

टैक्स के ‘करंट’ से लगा हजारों गरीबों को झटका

इंदौर. केन्द्र सरकार की राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत मनावर के ग्रामीण क्षेत्र में करीब साढ़े तीन हजार बीपीएल परिवारों के घर में विद्युत उपकरण लगाए जाने हैं। इसी के तहत जयपुर की नवम इन्फ्रा कंपनी द्वारा ये उपकरण मनावर भेजे जा रहे थे,जहां 1 दिसंबर को इन्हें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सौंपे जाने थे।

30 नवंबर को अशोका रोड लाइन का ट्रक (आरजे-14-जीसी-9557) यह सामान लेकर डोंगरगांव स्थित विभाग की चौकी से आ रहा था तो उज्जैन वाणिज्यिक कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर रवीन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में अधिकारियों ने इसे पकड़ लिया। कागजात पर जांच चौकी की सील नहीं होने से 10 लाख के इस सामान को जब्त करते हुए 11 लाख का टैक्स और पेनल्टी लगाई दी गई। तब से यह सामान अफीम गोदाम में रखा है।

जांच चौकी पर उठे सवाल

सूत्र बता रहे हैं ट्रक डोंगरगांव जांच चौकी से गुजरा,लेकिन वहां तैनात अफसरों ने कागजात पर सील-ठप्पे नहीं लगाए। यही नहीं, ड्राइवर के पास डोंगरगाव जांच चौकी से पहले और बाद में लगने वाले टोल नाकों की रसीदें भी हैं। उन टोल नाकों के कैमरों में भी यह ट्रक दिख रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है दस्तावेज में चौकी पर सील क्यों नहीं लगाई और जुर्माना क्यों लगाया?

सब कुछ बता चुके हैं

कंपनी के अधिकारी नमित गुप्ता कार्रवाई के बाद वाणिज्यिक कर अधिकारियों को ट्रक के सभी दस्तावेज और अन्य टोल नाकों पर काटी गई रसीदों सहित सभी जानकारी दे चुके हैं। उच्च स्तर पर अधिकारी छानबीन कर कोई हल निकाल रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच बीपीएल परिवारों को बिजली की यह किट समय पर नहीं मिलने से परेशानी हो सकती है।

मैं हकीकत जान रहा हूं

मेरे पास निजी कंपनी के अधिकारी आए थे। तब मैंने अधिकारियों से बात की। इस मामले की पूरी जानकारी और हकीकत पता करवा रहा हूं।

संजीवसिंह,एडीशनल कमिश्नर,वाणिज्यिक कर विभाग

हमने तो सारे दस्तावेज भेजे थे

हमने सारे दस्तावेज ट्रक के साथ भेजे थे। कागजात पर जांच चौकी पर सील क्यों नहीं लगी, यह हमें भी नहीं पता।

नमित गुप्ता,नवम इन्फ्रा कंपनी,जयपुर

साल का सबसे खौफनाक मर्डर

देहरादून. यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी प‍त्‍नी की हत्‍या कर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और दो महीने से इसे फ्रीजर में छिपाए रखा। घटना का पता उस वक्‍त चला जब 33 साल की अनुपमा गुलाटी के भाई ने अपनी बहन के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पुलिस से इसकी शिकायत और इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने आरोपी राजेश गुलाटी (37) को रविवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो इंजीनियर पति ने कबूल किया कि उसने अपनी पत्‍नी की गत 17 अक्‍टूबर को हत्‍या कर दी थी। पुलिस के सामने दिए गए बयान में उसने कहा कि मामूली कहासुनी के बाद पत्‍नी से झगड़ा हुआ लेकिन हवालात में बंद होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कबूल किया कि प्रेम प्रसंगों के चलते उसने अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर दी। साल के इस सबसे खौफनाक और देहरादून में इस तरह के पहले हत्‍याकांड की असली वजह क्‍या रही, पुलिस अब तक इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।

यह दंपती डेढ़ साल पहले ही अमेरिका से आकर यहां बसा था। दिल्ली के रहने वाले राजेश को यहां प्रकाश विहार से उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी जीएस मारतोलिया ने बताया कि राजेश ने अनुपमा (तस्‍वीर में) से झगड़े के बाद उसका सिर दीवार से टकरा दिया। उसके बेहोश होने के बाद राजेश ने उसके शरीर के टुकड़े कर उन्हें डीप फ्रीजर में रख दिया। पुलिस ने कहा कि राजेश अपनी पत्‍नी को घर के खर्च के तौर पर हर महीने 20 हजार रुपये देता था लेकिन इसे बढ़ाने की अनुपमा की मांग पर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई।

घर में पांच साल के जुड़वा बच्‍चों को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि जिस मां का प्‍यार उन्‍हें दो महीने से नहीं मिल रहा उसकी लाश घर में फ्रीजर में रखा है।

हैवानियत की हद

राजेश डीप फ्रिजर में रखे पत्‍नी के शव के कुछ टुकड़ों को निकालता और मसूरी की पहाडि़यों पर ले जाकर फेंक आता। राजेश ने 10 फरवरी, 1999 को दिल्ली में ही नेताजी नगर निवासी डॉ. बीआर प्रधान की बेटी अनुपमा से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उनमें किसी बात को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया। वर्ष 2000 में अनुपमा को लेकर राजेश अमेरिका चला गया। वहां जून 2006 में उसके दो जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। 2008 में राजेश पत्नी अनुपमा और बच्चों को लेकर देहरादून आ गया और प्रकाश नगर में किराए के फ्लैट में रहने लगा।

पिछले करीब दो माह से जब अनुपमा के परिजन फोन कर उसके बारे में पूछते, तो राजेश बात कराने से मना कर देता। इस पर रविवार शाम अनुपमा का भाई सिद्धांत राजेश के फ्लैट पर पहुंचा, लेकिन वहां ताला पड़ा था। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि अनुपमा दो माह से दिखाई नहीं दी। सिद्धांत ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फ्लैट की तलाशी ली तो एक बडे़ फ्रीजर में लाश के टुकड़े मिले। लाश अनुपमा की थी। काले रंगे की अलग-अलग पॉलीथीन में इन टुकड़ों को रखा गया था।

हत्‍या के बाद खरीदा फ्रीजर

पुलिस ने जिस वक्‍त आरोपी इंजीनियर को राजपुर रोड से गिरफ्तार किया उस वक्‍त वह बच्चों के साथ कार से घूम रहा था। राजेश ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर की रात उसका अनुपमा से झगड़ा हुआ। इस दौरान सिर बेड पर टकराने से अनुपमा बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने अनुपमा के नाक-मुंह पर तकिया रख उसकी हत्या कर दी।

अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार में बड़ा फ्रीजर खरीदा। पत्थर काटने वाले औजार व आरी से लाश के टुकड़े करने के बाद राजेश ने उसे फ्रीजर में छिपा दिया। बच्चे जब मां के बारे में पूछते तो राजेश कह देता कि वह हमें छोड़कर नाना के घर चली गई हैं। एसएसपी के आदेश पर फ्लैट को सील कर दिया गया है। टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फेंके गए टुकड़ों की तलाश में पुलिस टीम मसूरी रवाना हो गई है।

शिवसेना ने दिग्विजय को 'मिर्गी का मरीज' बताया

मुंबई. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के 26/11 हमले में शहीद एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की जान को हिंदू आतंकवादियों से खतरा संबंधी बयान से उठा बवाल अभी भी ठंडा नहीं हुआ है। करकरे की पत्नी कविता करकरे ने दिग्विजय सिंह के 26/11 को हुए हमले और उनके पति की मौत के संबंध में दिए बयानों की जांच करने की मांग की है। शिव सेना के मुखपत्र सामना में भी दिग्विजय सिंह की कड़ी आलोचना की गई है और कहा गया है कि बिहार चुनाव में करारी पराजय के बाद कांग्रेस के नेता अब अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं।
सिंह ने दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा था कि एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने 26/11 के हमले के कुछ ही समय पहले उनसे फोन पर कहा था कि उनकी जान को मालेगांव ब्लास्ट की जांच से नाराज तत्वों से खतरा है। एटीएस ने मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में कथित हिंदू आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।

कविता करकरे ने शनिवार को दिग्विजय सिंह के बयान की प्रतिक्रिया में कहा था कि ऐसा बयान देकर वे पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। कविता करकरे ने अब कहा है कि सिंह के बयानों की जांच होना चाहिए। दिग्विजय सिंह की उनके पति की मौत के संबंध में की गई टिप्पणी से मुंबई आतंकवादी हमलों के बारे में गलत धारणा बन सकती है। उन्होंने कहा कि वे इससे भी सहमत नहीं है कि 26/11 के हमलों में हिंदू संगठनों का हाथ था। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयानों की जांच होना चाहिए। कविता करकरे ने कहा कि वे मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाना चाहतीं।

सामना ने तीखी भाषा में दिग्विजय सिंह के बयानों की निंदा की है। सामना में ‘चाणक्यों को मिर्गी’ शीर्षक से छपे संपादकीय में दावा किया गया है कि बिहार चुनाव में करारी पराजय के बाद कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। अखबार के अनुसार बिहार चुनाव में करारी पराजय और फिर स्पेक्ट्रम घोटाले से घबराए हुए कांग्रेसी नेता बिना आधार के बयान दे रहे हैं। संपादकीय में फिर एक बार अफजल गुरु को फांसी का मामला उठाते हुए पूछा है कि क्या कारण है कि गृह मंत्रालय में उसे फांसी की फाइल खिसक नहीं रही है।

संपादकीय में लिखा है कि दिग्विजय सिंह के बयान के बाद ही कसान ने अदालत में दावा किया कि हेमंत करकरे को उन लोगों ने नहीं मारा। अखबार ने कहा कि करकरे के साथ अशोक कामटे, विजय सालस्कर, तुकाराम ओंबले भी शहीद हुए लेकिन सिंह ने कभी इनके परिजनों का हाल-चाल नहीं पूछा। वे बाटला हाउस के आरोपियों के संबंधियों से मिलने आजमगढ़ जरूर गए।

दिग्विजय सिंह का हमला जारी

इधर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने फिर एक बार बीजेपी नेतृत्व पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, रविशंकर प्रसाद और राजनाथ सिंह पहले यह बताएं कि उन्होंने हेमंत करकरे को देशद्रोही क्यों कहा था। सिंह ने कहा कि आडवाणी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों - प्रज्ञा ठाकुर और दयानंद पांडे के समर्थन में मिलने क्यों गया। लेकिन बीजेपी ने फिर सिंह के आरोप का खंडन किया है।

बीजेपी नेता चंदन मित्रा ने कहा कि सिंह की याददाश्त के साथ कुछ समस्या है। पहले उन्होंने कहा कि मुंबई हमलों के पहले करकरे ने उन्हें फोन किया, फिर कहा कि उन्होंने करकरे को फोन किया था। फिर वे कह रहे हैं कि बीजेपी नेताओं ने करकरे को देशद्रोही कहा था। जबकि कभी भी किसी बीजेपी नेता ने ऐसा बयान नहीं दिया।

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

फंड की कमी ने अटल को रोका!

अटल बाल आरोग्य मिशन योजना की शुरुआत में देरी
अब २४ दिसम्बर को हो सकता है शुभारंभ, कुपोषण दूर करने तैयार की गई योजना

काम तो पूरे कर लिए, लेकिन फण्ड की कमी ऐसी बनी की अटल बाल आरोग्य मिशन योजना को शुरू ही नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने प्रदेश के तमाम जिलों में कुपोषण को मिटाने के लिए अटल बाल आरोग्य मिशन के नाम से योजना का खाका अगस्त माह के पहले ही तैयार किया था।
बावजूद इसके योजना के लिए पर्याप्त बजट ही नहीं जुटाया जा सका। आलम यह है कि प्रदेश स्तर पर योजना को तय समय पर शुरू नहीं किया जा सका। अब नयी तारीख तय कर शुभारंभ की तैयारी की जा रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के महिला बाल विकास विभाग को यह निर्देश दिए गए कि वे अपने जिले के लिए योजना का बजट तैयार कर भोपाल भेजें। यह काम पूरा करते हुए सभी जिलों ने अपने प्रस्ताव भेज दिए। इसमें जबलपुर जिले का सबसे कम बजट लगभग १ करोड़ २५ लाख के आसपास बताया जा रहा है, जबकि दूसरे जिलों की ओर से कम से कम २ करोड़ और इससे कहीं ज्यादा का बजट दिया गया। लेकिन बजट भेजे जाने के बाद जब आकलन किया गया, तो पता चला कि इस योजना को शुरू करने पर्याप्त रकम ही मौजूद नहीं है। इस योजना में महिला बाल विकास विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग, पीएचई विभाग जैसे दूसरे विभाग भी शामिल किये गए हैं। जानकारी के अनुसार वर्तमान में १८ करोड़ रुपए सभी जिलों के लिए पहली किश्त के रूप में दिए जाने वाले हैं।
पहले कुछ कारणों के चलते योजना का शुभारंभ नहीं हो सका। अब २४ दिसम्बर को योजना का शुभारंभ तय किया गया है। फण्ड की कमी नहीं कही जा सकती है।
- बीआर नायडू, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग

...तो बिजली मिलेगी १० रुपए यूनिट

विद्युत मंडल कर्मियों की पेंशन के लिए बनने वाले पेंशन फंड का गठन न होने से हर बिजली अधिकारी- कर्मचारी परेशान है। पेंशन फंड से वर्ष २००५ तक सेवानिवृत्त हुए कर्मियों की पेंशन का भुगतान किया जाना है। इसके बाद में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मियों के पेंशन की जवाबदारी कंपनियों को दी गई है। जानकारी के अनुसार चालू पेंशन दायित्वों का भुगतान करने के लिए अभी ३५० करो़ड़ रुपए प्रतिवर्ष चाहिए। यदि पेंशन का ये दायित्व टैरिफ में जु़ड़ता है तो इससे सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल प्रभावित होंगे। पिछले वर्ष जहां वितरण कंपनियों ने ३० प्रतिशत टैरिफ हाईक चाही थी तो वे इस वर्ष पेंशन व अन्य दायित्वों को पूरा करने के लिए ४० से ४५ प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की मांग कर सकती हैं। जानकारों के अनुसार वर्तमान में सभी कर और उपकर मिलाकर बिजली एक आम आदमी को लगभग ६ रुपए प्रति यूनिट प़ड़ रही है, कंपनियों की मांग पूरी किए जाने पर बिजली की दरें दस रुपए प्रति यूनिट तक जा सकती है।

पारेषण कंपनी को मिले अधिकार

जानकारों का कहना है कि आम उपभोक्ताओं से सीधे तौर पर पेंशन की राशि लिए जाने की बजाए पारेषण कंपनी को पेंशन के लिए फंड एकत्र करने की जवाबदारी दी जाए। वर्तमान में पारेषण कंपनी लगभग ३५,००० मिलियन यूनिट बिजली वितरण कंपनियों को बेच रही है। हानियां घटाकर यदि ये कंपनी ३५० करो़ड़ पेंशन के लिए देती है तो प्रति यूनिट पर लगभग ३.१५ पैसा आएगा। इसका भुगतान वितरण कंपनियां, पारेषण कंपनी को आसानी से कर सकेंगी।

राजस्थान में हो रहा

जानकारों के मुताबिक राजस्थान में पारेषण कंपनी पेंशन के लिए वितरण कंपनियों से ३.४४ पैसा प्रति यूनिट वसूल रही है। यदि राजस्थान मॉडल लागू हो तो ये कर्मियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए बेहतर होगा।

केवल आदेश देना है

विद्युत मंडल सचिव आरएन मिश्रा का कहना है कि वर्तमान में पारेषण कंपनी ही पेंशन राशि के लिए वसूली कर रही है। नियामक आयोग ने अनुमति न देकर मामले को तूल दिया है यदि राज्य शासन धारा १०८ का उपयोग करती है तो वर्तमान व्यवस्था चलती रहेगी। उनके अनुसार यदि पेंशन ट्रस्ट के लिए अलग से राशि जुटाने की अनुमति टैरिफ में दी जाती है तो उसका भार जरूर उपभोक्ताओं पर प़ड़ेगा।

किसानों ने ली ६ लाख टीसी
प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों ने लगभग ६ लाख अस्थाई कनेक्शन(टीसी) लिए। इससे विद्युत वितरण कंपनियों को २२३ करो़ड़ ५० लाख रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई। अस्थाई कनेक्शनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में ४५ हजार से ज्यादा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नवंबर माह तक दो लाख से ज्यादा टीसी दी गईं, इससे कंपनी को ४९ करो़ड़ रुपये से ज्यादा राजस्व मिला। मध्य क्षेत्र कंपनी ने ९६ हजार टीसी देकर ४५ करो़ड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया। पश्चिम क्षेत्र कंपनी ने लगभग तीन लाख अस्थाई कनेक्शन देकर लगभग १२९ करो़ड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया।
बैतूल में २४ घंटे बिजली
बैतूल जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां वितरण हानियां कम होने के कारण उसे २४ घंटे बिजली दी जाएगी। ये निर्णय मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपनी समीक्षा बैठक में लिया। कंपनी के सीएमडी ने ऐसे सभी क्षेत्रों में बिजली कटौती कम करने कहा है, जहां बिजली वितरण हानियों में गिरावट आई है।जबलपुर (नप्र)। राज्य शासन ने यदि विद्युत नियामक आयोग को पेंशन दायित्व टैरिफ में समाहित किये जाने का निर्देश दिया तो बिजली आम आदमी की कमर तो़ड़ देगी। जानकारों की मानें तो अगले टैरिफ में बिजली दरें १० रुपए प्रति यूनिट पर पहुंच जाएंगी।

मनरेगा ने ली एक और कलेक्टर की बलि

भोपाल
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना में गड़बड़ी के मामले ने एक और कलेक्टर की बलि ले ली। सरकार ने गड़बड़ी के मामले में उमरिया के कलेक्टर एस.एस. कुमरे को हटा दिया है।

उमरिया के कलेक्टर को हटाकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर नौकरशाही में यह संदेश देने की कोशिश की है कि गड़बड़ी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उमरिया के कलेक्टर कुमरे पर यह आरोप था कि मनरेगा कानून के तहत पंचायतों को जितनी राशि का आवंटन किया जाना था, वह उन्होंने नहीं की । इस कारण बारह पंचायतों में मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं हो सका। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय विधायक मीना सिंह ने भी इसी तरह की शिकायत मुख्यमंत्री चौहान को की थी। शिकायत मिलते ही मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को हटाने का आदेश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री ने तत्काल पद छोड़ने के आदेश भी कलेक्टर को भेज दिए। मुख्यमंत्री का संदेश मिलते ही कुमरे ने उमरिया कलेक्टर का पदभार छोड़ दिया। कुमरे दो साल पहले मुख्यमंत्री चौहान के उप सचिव थे। उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय से सीधे आदिवासी बाहुल्य जिला उमरिया का कलेक्टर बनाया गया था। कुमरे के स्थान पर चिकित्सा शिक्षा विभाग में उप सचिव एन.एस. भटनागर को उमरिया भेजा गया है।

छह माह के भीतर यह तीसरा मामला जब मनरेगा में हुई गड़बड़ी के मामले में कलेक्टर के खिलाफ सरकार ने कार्यवाही की है। इससे पहले सरकार ने कतिपय गंभीर अनियमितता के चलते टीकमगढ़ और भिंड जिले के कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की थी।

सरकार द्वारा आज किए गए मामूली प्रशासनिक फेरबदल में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अनिल जैन को विशेष आवासीय आयुक्त नई दिल्ली के पद पर पदस्थ किया गया है।

कांग्रेस ने की धर्म आधारित राजनीति

वाशिंगटन। विकिलीक्स पर जारी एक अमेरिकी गोपनीय दस्तावेज में अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री ए. आर. अंतुले के विवादास्पद बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुंबई हमले के बाद कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग धर्म आधारित राजनीति करते नजर आया था।

यह दस्तावेज 23 दिसंबर, 2008 को नई दिल्ली में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने अपने देश के विदेश विभाग को भेजा था। इस दस्तावेज में मलफोर्ड ने कहा कि अंतुले के बयान से खुद को अलग करने के दो दिन बाद ही कांग्रेस ने एक विवादास्पद बयान जारी किया, जिससे साजिश के बारे में संदेह को बल मिला। उस समय अंतुले के पूरी तरह से बेबुनियाद दावों को भारतीय मुस्लिम समाज से भी समर्थन मिला।

मलफोर्ड ने लिखा कि लगता है कि आगामी चुनावों में लाभ उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अंतुले के बयान को खारिज करने के अपने रुख से पल्ला झाड़ लिया और खुद इस साजिश को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए। विकिलीक्स पर जारी दस्तावेज के मुताबिक अमेरिकी राजदूत ने कहा कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम की ओर से अंतुले की टिप्पणियों को खारिज कर दिए जाने के बावजूद भारतीय मुसलमानों की यह राय बनी रहेगी कि वे सुरक्षा एजेंसियों के जरिए निशाना बनाए जा रहे हैं।

मलफोर्ड ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से यह पता चला है कि अगर कांग्रेस को लगे कि जाति और धर्म आधारित राजनीति उसके हित में हैं तो वह पूरी तैयारी के साथ इस ओर झुक जाएगी।

विकिलीक्स का दावा है कि उसके ओर से जारी किए गए लगभग ढाई लाख दस्तावेजों में तकरीबन 1300 दस्तावेज नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के हैं। इस दस्तावेज में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से पहले कहा गया था कि हेमंत करकरे सहित मुंबई पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों का मारा जाना एक इत्तेफाक है। अंतुले की टिप्पणियों के संदर्भ में दिया गया यह बयान सही था। परंतु मुस्लिम समुदाय में अंतुले के दावों को समर्थन मिलता देख कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं को इसका फायदा उठाने की सूझ गई।

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में उत्साहजनक जीत मिलने के बावजूद कांग्रेस ने मुंबई हमले की साजिश पर संदेह खड़ा करके एक स्वार्थी सियासी समीकरण की ओर कदम बढ़ाया। इस दस्तावेज में कहा गया है कि अंतुले ने 17 दिसंबर, 2008 को दिए गए अपने बयान से एक राजनीतिक विवाद खड़ा किया। अंतुले ने कहा था कि आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख करकरे की हत्या मालेगांव विस्फोट की जांच से जुड़ी लगती है। उल्लेखनीय है कि मालेगांव विस्फोट मामले में कुछ कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर संदेह है।

हर महीने 84 लोगों को मार देते हैं नक्सली!

सरकारी आकड़ों के अनुसार पिछले दस महीनों में ही नक्सली 841 लोगों को मार चुके हैं।

लोकसभा ने देश को बताया कि नक्सली पिछले दस महीनों में 841 लोगों को मार चुके हैं यानी वे प्रतिमाह 84 लोगों को मार देते हैं। एक महीने में 84 लोगों की हत्या कर देना मामूली बात नहीं होती। लेकिन नक्सली इस काम को अंजाम दिए जा रहे हैं, बेधड़क, बेखौफ और नियमित रूप से।

सरकार उनकी हिम्मत से पस्त है, उनकी हिंसक वारदातों से बेजार है, उनके हमलों से अवाक है, लेकिन लाचार है कुछ कर पाने में। कोशिशें लाख की जा रही हैं, लेकिन अंजाम कुछ नहीं निकलता और नक्सली अपना काम कर निकल जाते हैं।

पिछले साल 2009 में नक्सलियों ने 591 नागरिकों की हत्या की थी।

सरकार से दुश्मनी करनेवाले ये नक्सली पिछले दस महीनों में 264 सुरक्षाकर्मियों को भी अपना निशाना बना चुके हैं और वह भी योजना बनाकर। वे योजनाएं बनाकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करते हैं, उन्हें अगवा करते हैं, उनका गला रेत देते हैं और मन में आया तो रिहा भी कर देते हैं।

दूसरी ओर खुद को ग्रामीणों और गरीबों का मसीहा बतानेवाले ये नस्कली जरूरत पड़ने पर आम जनता को भी नहीं बख्शते और ग्रामीणों की हत्या कर देते हैं। सरपंचों और मुखियाओं का अपहरण कर लेते हैं और उनकी लाशों को गांवों के बीचोंबीच फेंककर गायब हो जाते हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने जानकारी दी थी कि माओवादी के हाथों वर्ष 2004 से हर साल 500 से अधिक ग्रामीण लोग मारे जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश को पुलिस का मुखबिर करार देकर उनकी हत्या की जाती है।

अब एक चौंकानेवाली खबर यह भी है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा है कि उग्रवाद के पैरोकार और बेरहम नक्सलियों का कश्मीर के अलगाववादियों से संबंध हो सकता है और इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वे कहते हैं कि पहले भी नक्सलियों के संबंध पूर्वोत्तर के आतंकवादियों से रहे हैं और अब इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता।

यानी नक्सली केवल अपने काम को अकेले-अकेले ही अंजाम नहीं दे रहे हैं, बल्कि वे अपने नेटवर्क को मजबूत भी बना रहे हैं। पहले उनके पूर्वोत्तर के आतंकवादियों से जुड़े होने की खबरें थीं और अब कश्मीर के आतंकवादियों से भी वे अपने तार जोड़ रहे हैं।

11 लाख की डकैती का मास्टर माइंड हिरासत में

भोपाल. जेके रोड की इलाहाबाद बैंक शाखा में 11 लाख की डकैती डालने वाले गिरोह के मास्टर माइंड शैलेंद्र महतो को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे करायपरसुराय (बिहार) पुलिस की मदद से पकड़ा है। पकड़ा गया इनामी बदमाश भोपाल समेत रायपुर में भी बैंक डकैती की वारदातों को अंजाम दे चुका है। पुलिस ने हालांकि रुपए बरामद कर लिए थे, पर शैलेंद्र गायब हो गया था।
ली राहत की सांस: उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर को बैंक में डकैती के बाद पकड़े गए दो बदमाशों ने अपने तार इस शातिर बदमाश से जुड़े होने बताए थे। बिहार में बीते आठ दिनों से डेरा डाले बैठी भोपाल पुलिस ने गैंग के मास्टर माइंड के पकड़े जाने के बाद राहत की सांस ली है। पुलिस ने भोपाल से इस मामले की डायरी भी मंगा ली है। जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी कर ट्रांजिट रिमांड पर शैलेंद्र सिंह को भोपाल लाया जाएगा।
फिल्मी स्टाइल में किया गिरफ्तार:मुखबिर से खबर मिलते ही भोपाल पुलिस ने लोकल पुलिस की मदद से शैलेंद्र के गांव छित्तरबीघा की घेराबंदी कर ली। पुलिस को देखते ही शैलेंद्र भागकर एक खेत में जा छिपा। इसके बाद पुलिस ने तीनों ओर से खेत की घेराबंदी लगाई और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया।

एबीवीपी ने फूंका सोनिया का पुतला

भोपाल. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जन्मदिन पर रायपुर कांग्रेस कार्यालय में तिरंगे के प्रतिक स्वरूप केक काटने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए विरोध किया है। इसी कड़ी में शनिवार को भोपाल के में अभाविप कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी का पूतला जलाकर प्रदर्शन किया।
जमकर हुई नारेबाजी: तिरंगे के अपमान में अभाविप मैदान में, तिरंगा हमारी जान है भारत की पहचान है और सोनिया गांधी भारत छोड़ो जैसे नारेबाजी के साथ ज्योति सिनेमा चौराहे पर प्रदर्शन की शुरूआत हुई। अभाविप कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेसियों ने सोनिया को खुश करने के लिए तिरंगे का अपमान किया है। उन्होंने केक पर तिरंगा बनाकर, उसे ही काट दिया। देश का कोई भी नौजवान इस अपमान को सहन नहीं कर सकता। इसलिए प्रदर्शन कर तिरंगे का अपमान करने वालों को सजा की मांग की जा रही है।
सोनिया देश से ऊपर नहीं: भोपाल महानगर कार्यालय मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सोनिया स्वयं को देश से ऊपर समझने लगी हैं। आरोपियों को चुपचाप समर्थन देकर स्वयं की महिमा मंडन करवा रही हैं। एक घंटे चले इस प्रदर्शन में अभाविप के करीब 50 कार्यकर्ता शामिल हुए। सोनिया का पुतला जलाकर प्रदर्शन को अंतिम स्वरूप दिया गया।

सीएम के इशारे पर होता अवैध उत्खनन!

भोपाल. कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के इशारे पर ग्वालियर-चंबल संभाग सहित पूरे प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन हो रहा है। रॉयल्टी की चोरी करने वालों के आगे प्रशासन भी असहाय है। मुख्यमंत्री निवास से फोन आने से आरोपियों को छोडऩा पड़ता है।
हो रही रॉयल्टी की चोरी: श्री सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में राजस्थान के एक भाजपा नेता की कंपनी शिवा कारपोरेशन (इंडिया) लिमिटेड के कारिंदे ही रॉयल्टी की चोरी कर रहे हैं। मप्र में इसमें भाजपा के नेता संलग्न हैं। उन्होंने इसमें से एक का नाम केपी सिंह भदौरिया बताया। सिंह ने कहा कि इन दोनों संभागों में ही रोजाना 15-20 लाख की रॉयल्टी चोरी हो रही है और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में भी यहां रॉयल्टी चोरी का उल्लेख है।
केवल आश्वासन ही मिला: उन्होंने कहा कि विधानसभा में यह मामला उठाने पर कार्रवाई के आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं हुआ। सिंह ने कहा कि इस अवैध उत्खनन के कारण चंबल अभ्यारण्य में घडिय़ाल व अन्य जलीय जीवों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है।

बैंक अधिकारी और बिल्डर सीबीआई के शिकंजे में

भोपाल. सीबीआई ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और भोपाल व इंदौर के आधा दर्जन बिल्डरों के निवासों व अन्य ठिकानों पर छापा मारा। शुक्रवार देर शाम से शुरू हुई छापे की यह कार्रवाई शनिवार दोपहर तक जारी थी। कार्रवाई में सेंट्रल बैंक ऑफिसर वसंत पावसे और इन बिल्डरों के गठजोड़ से संबंधित दस्तावेज बड़े पैमाने पर जब्त किए गए हैं।
मिल चुके थे सबूत: जिन बिल्डरों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई उनमें इंदौर के जगदीश साहू और भोपाल के दीपेंद्र गुरावत, उदयसिंह ठाकुर, एसएस पटेल, यशवंत वर्मा और विकास श्रीवास्तव शामिल हैं। सीबीआई ने कुछ समय पूर्व सेंट्रल बैंक ऑफिसर वसंत पावसे के निवास पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में पावसे के खिलाफ करीब डेढ़ करोड़ की आय से अधिक संपत्ति के सुबूत मिले थे। पावसे के घर पर मिले सुबूतों के आधार पर सीबीआई ने इन बिल्डरों के ठिकानों पर छापा मारा।
हो सकता है बड़ा खुलासा: सीबीआई सूत्र बताते हैं कि इस छापे में पावसे द्वारा बैंक के माध्यम से किए गए कुछ बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। शाम तक इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

उमा यूपी से लड़ेंगी चुनाव !


नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी में वापसी के मुद्दे ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। माना जा रहा है कि भाजपा में वापसी के बाद उमा भारती का कार्यक्षेत्र एमपी के बजाए उत्तर प्रदेश रहेगा। चर्चा है कि पार्टी में वापसी के बाद उमा उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के मूड में हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर एक अहम खुलासा कर उमा की वापसी को हवा दी है। आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखा कि 'भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उमा से बात की जिसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया। मेरी सलाह पर उमा उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए तैयार हो गई हैं। उमा ने उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि, पार्टी में शामिल होने से पहले उन्होंने कुछ समय मांगा है।' आडवाणी के इस संदेश के बाद लंबे समय से अटकलों में उलझी उमा का भाजपा में वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
ज्ञात हो आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने भी कहा था कि जब जसवंत सिंह पार्टी में वापस आ सकते हैं तो उमा क्यों नहीं? संघ के चाहने के बावजूद अभी तक उमा की पार्टी में वापसी नहीं हो सकी है।

मनरेगा में सवा दो करोड़ रूपए की अनियमितता

बड़वानी। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में लगभग सवा दो करोड़ रूपए की अनियमितताओं के सिलसिले में शुक्रवार को चार थानों (सिलावद, पानसेमल, निवाली और खेतिया) में आठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। एसपी आरएस मीणा के मुताबिक, इनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर पदस्थ हैं।
तीन साल पहले जिले के एक दर्जन कार्यो में अनियमितताओं की शिकायत लोकायुक्त में की गई थी, जिनकी जांच राज्यस्तर पर उच्चस्तरीय दल से कराई गई थी। इसमें पाया गया कि निर्माण कार्यो के दौरान दो करोड़ 12 लाख 20 हजार रूपए से अधिक की अनियमितताएं की गर्ई। इस आधार पर ही जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए।
ये हैं आठ
एसपी मीणा के मुताबिक, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरएस राठौर, तत्कालीन सहायक यंत्री एमएल पाराशर और वाईएस नेगी तथा पांच तत्कालीन उपयंत्रियों सतीश राणे, एसएस अली, राकेश आरसे, एसके मंडलोई और एसके आर्य के खिलाफ सरकारी धन के दुरूपयोग और अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए।

इलाज के बहाने 9 युवतियों से बलात्कार करने वाले बाबा से पॉर्न सीडी, नकदी बरामद

मुंबई. एक मानसिक रूप से कमजोर बालक के इलाज के बहाने 9 बालिग और नाबालिग युवतियों से बलात्कार करने वाले तांत्रिक के ठिकानों पर पुलिस का छापा जारी है। पुलिस को उसके नल बाजार स्थित निवास से अश्लील फिल्मों की 12 सीडी और 3 लाख रुपए नगद मिले हैं। वह बलात्कार करने के पहले ये अश्लील सीडियां देखता था।
मुंबई पुलिस ने कुछ समय पहले मेंहदीं कसम जैनुल अब्दीन शेख उर्फ बंगाली बाबा को गिरफ्तार किया। उसने कोलाबा में रहने वाले एक परिवार को उनके मानसिक रूप से कमजोर बालक का इलाज करने के बहाने फंसाया था। पहले उसने लगातार बंगाली पूजा कर उनका विश्वास जीता। इस परिवार ने उसे भिंडी बाजार में एक अपार्टमेंट भी किराए पर दिलवा दिया, जिसके किराए का भुगतान भी परिवार ही करता था। इसके बाद बाबा लगातार बच्चे की मां को बुलाने लगा और इसी दौरान उसने महिला से कई बार बलात्कार किया।
बाबा ने महिला की बहन और नौकरानी से भी जबरन शारीरिक संबंध बनाए। यहां तक कि उसने मानसिक रूप से विकलांग बच्चे की दो बहनों को भी नहीं छोड़ा। इसके अलावा उसने इन बच्चियों की चार रिश्तेदार, जिनमें तीन नाबालिग थीं, के साथ भी बलात्कार किया. बाद में मामला पुलिस के पास आया और उन्होंने कार्रवाई की। पुलिस ने उसके पायदोनी, भिंडी बाजार, चूना भट्टी और कल्याण के निवासों पर छापा मारा। आरोपी के कल्याण स्थित आवास से पुलिस पहले ही 87 लाख नगद और हीरे जड़े आभूषण बरामद कर चुकी है। पुलिस को एक सफेद रंग का पाउडर भी मिला है, जिसे ड्रग्स के संदेह में जांच के लिए भेजा गया है।
मुंबई में यह पहला मामला नहीं है, जब फर्जी बाबाओं की पोल खुली है। 2000 में एक तांत्रिक हंसमुख भाई राठौर ने मीरा रोड पर रहने वाले एक व्यक्ति को कहा कि यदि वह अपनी बड़ी बेटी से संबंध बनाएगा, तो उसके पास धन की कोई कमी नहीं रहेगी। इसके बाद वह स्वयं उस व्यक्ती की दूसरी बेटी से बलात्कार करने लगा।
दूसरा मामला राजीव रंजन द्विवेदी उर्फ सेक्स बाबा का है। वह पूरे देश में सुनियोजित तरीके से वेश्यावृत्ति का रैकेट चलाता था। उसने छोटी छोटी जगहों पर चल रहे ऐसे सभी रैकेटों की मदद से एक सिंडिकेट बनाया था। मुंबई पुलिस ने एक और तांत्रिक हजरात इकराम अली को गिरफ्तार किया था, जिसने कांदीवली की एक महिला को प्रभावित कर उसकी 14 साल की बेटी से संबंध बनाए।

पाकिस्‍तान को फायदा दे रहे दिग्विजय सिंह


हेमंत करकरे की पत्‍नी ने साधा निशाना-

मुंबई. मुंबई हमले में शहीद हुए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की मौत को लेकर एक बयान के चलते कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह खुद कठघरे में आ गए हैं। करकरे की पत्‍नी कविता करकरे ने कहा कि उनके पति की हत्‍या के पीछे सिर्फ पाकिस्‍तान है और इसमें हिंदू संगठनों का हाथ बताना या उनसे जोड़कर देखना गलत है। यही नहीं, करकरे ने दिग्विजय के बयान का हवाला देते हुए यह भी कहा कि ऐसे बयान सिर्फ पाकिस्‍तान को फायदा पहुंचाएंगे।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले से 2 घंटे पहले हेमंत करकरे ने उन्‍हें फोन किया था। करकरे ने कहा था कि मालेगांव धमाके की जांच का विरोध कर रहे लोगों से उनकी जान को खतरा है। बताते चलें कि मालेगांव धमाके में साध्‍वी प्रज्ञा सिंह समेत हिंदू संगठनों से जुड़े कई लोग आरोपी हैं।

मीडिया से बातचीत में दिग्विजय ने कहा, '26 नवंबर 2008 की शाम 7 बजे यानी मुंबई हमले के लगभग 2 घंटे पहले तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने मुझे फोन किया था। उन्होंने बताया था कि मालेगांव ब्लास्ट की जांच से खीझे हुए लोग उनको और उनके परिवार वालों को लगातार धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उनके और उनके परिवार वालों को जान का खतरा है।'

दिग्वियज ने कहा, 'करकरे काफी चिंतित थे और वह स्थानीय दक्षिणपंथी अखबारों के जरिए उनको मिलनेवालीं धमकियों से काफी परेशान थे। करकरे ने मुझे बताया था कि एक दक्षिणपंथी संगठन के मुखपत्र में छपा है कि मेरा बेटा दुबई में है और वह खूब पैसा बना रहा है, पर सच्चाई है कि वह अभी स्कूल में पढ़ता है।'

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

आर्थिक अपराधियों की अब खैर नहीं

कम्प्यूटर तथा नेटवर्किंग के जरिये होने वाले आर्थिक अपराधों पर अब कसेगा शिकंजा, ई.ओ.डब्ल्यू. के विवेचना अधिकारियों ने सीखे आर्थिक अपराधों तथा सायबर क्राइम से निपटने के गुर

Bhopal: Friday, December 10, 2010: Updated 18:32IST


कम्प्यूटर तथा नेटवर्किंग के जरिये होने वाले आर्थिक अपराधों को आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो के दक्ष अधिकारी अब आसानी से पकड़ सकेंगे। प्रदेश के क्षेत्रीय कार्यालयों में पदस्थ ब्यूरो के विवेचना अधिकारियों ने दो दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण में इंटरनेट के जरिये की जाने वाली ऐसी आपराधिक गतिविधियों की छान-बीन के कई तकनीकी गुरों को सीखा है। ऐसे आर्थिक अपराधियों को शिकंजे में लेने के लिये उन्होंने डिजीटल साक्ष्य तैयार करने में भी महारत प्राप्त की है।

आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा आयोजित इस अपने प्रकार के विशिष्ट प्रशिक्षण के समापन अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक 'फायर सर्विसेज' श्री अशोक दोहरे ने प्रशिक्षण के दौरान सायबर क्राईम के विभिन्न तकनीकी पक्षों पर रोचक जानकारियों दी। उन्होंने महत्वपूर्ण शासकीय कार्यों के दौरान सूचनाओं और डाटा के संप्रेषण के दौरान बरती जाने वाली जरूरी सावधानियों को भी रेखांकित किया।

इसके पहले अपर आयुक्त (आडिट) इन्कम टैक्स विभाग श्री अनूप दुबे ने ई.ओ.डब्ल्यू. तथा आयकर विभाग के मध्य समन्वय तथा आर्थिक अपराधों के अन्वेषण के दौरान ली जाने तलाशी की कार्यवाईयों पर उपयोगी जानकारियां दीं। संयुक्त आयुक्त सहकारिता विभाग श्री एस.एम. गुप्ता ने सहकारिता अधनियम की व्याख्या करते हुए अधिनियम के दुरुपयोग की रोकथाम के लिये अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में बताया। नेशनल इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी, भोपाल की सुश्री स्वाति सिंह बघेल ने कंपनी संहिता के महत्वपूर्ण प्रावधानों से अवगत कराया। सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री श्री एच.पी. यादव ने निर्माण विभागों में शासकीय धनराशि के दुरुपयोग की रोकथाम के लिये किये जाने वाले तकनीकी उपायों और वित्तीय पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक ई.ओ.डब्ल्यू. डॉ. एस. डब्ल्यू. नकवी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भागीदारी की। इस अवसर पर प्रभारी महानिदेशक ई.ओ.डब्ल्यू. श्री अजय कुमार शर्मा ने सायबर क्राईम विशेषज्ञ श्री अशोक दोहरे को पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर उन्हें सम्मानित भी किया।

मध्यप्रदेश में 12 मेगा प्रोजेक्ट में केप्टिव पॉवर प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव

इन औद्योगिक परियोजनाओं में 28,277 करोड़ रुपये का निवेश होगा

Bhopal: Saturday, December 11, 2010: Updated 09:20IST


खजुराहो समिट-2010 में 12 कम्पनियां ऐसी हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश में प्रस्तावित अपनी औद्योगिक इकाई के साथ केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिये राज्य शासन के साथ करार किया है। इनमें से एक परियोजना का विस्तार क्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में होगा। एक परियोजनाएं का विस्तार क्षेत्र तीन जिलों तक होगा। दो परियोजनाओं का क्षेत्र दो जिलों तक विस्तारित होगा। शेष 8 परियोजनाएं एक जिले तक सीमित होंगी। इन सभी परियोजनाओं में सम्मिलित रूप से कुल 28 हजार 277 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

जयप्रकाश एसोसिएट सीधी जिले में 500 करोड़ रुपये का निवेश कर 120 मेगावॉट क्षमता का केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी। कम्पनी द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। रघुवंश फूड एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. होशंगाबाद जिले में 230 करोड़ रुपये का निवेश मॉडर्न एग्री के साथ हाईडल पॉवर यूनिट स्थापित करने के लिये करेगी। इस परियोजना हेतु चयनित स्थल पर सर्वे कार्य शुरू हो गया है।

गेल इण्डिया लि. ने खजुराहो समिट में ऑइल एण्ड नेचुरल गैस सेक्टर में 4900 करोड़ रुपये का निवेश गुना, झाबुआ और कैलारस (शिवपुरी) में रिकवरी प्लांट, गैस प्रोसेसिंग यूनिट के साथ पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिये निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित किया है। यह परियोजना गेल के पूर्व से संचालित परियोजना के क्षेत्र में ही स्थापित की जायेगी।

वेल्सपन एनर्जी पार्क प्रा.लि. पॉवर जनरेशन के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कम्पनी की इस मेगा इण्डस्ट्रियल एण्ड एनर्जी पार्क संबंधी परियोजना का विस्तार सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में होगा।

वीजा स्टील लि. सतना जिले के रघुराज नगर में 4025 करोड़ रुपये का निवेश कर इन्टीग्रेटेड स्टील प्लांट के साथ 300 मेगावॉट क्षमता का केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी। कम्पनी द्वारा इस परियोजना के लिये 7800 हेक्टेयर भूमि के लिये आवेदन किया गया है।

मेस्को ओएमसी माइनिंग कार्पोरेशन लि. 3110 करोड़ रुपये का निवेश कर डिण्डोरी एवं छिन्दवाड़ा जिले में एल्युमिनियम प्लांट के साथ 480 मेगावॉट क्षमता का केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी। कम्पनी द्वारा केप्टिव पॉवर प्लांट के लिये भूमि चिन्हित की जा रही है।

शारदा एनर्जी मिनरल्स लि. 2095 करोड़ रुपये का निवेश कर जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में आयरन ओर ग्रांडिंग प्लांट, प्लेट्स प्लांट, स्पंज आयरन प्लांट, फैरो एलॉयंस प्लांट के साथ केप्टिव पॉवर प्लांट और बुन्देलखण्ड रिसोर्सेस प्रा.लि. 992 करोड़ रुपये का निवेश कर रीवा जिले में सीमेंट प्लांट के साथ 35 मेगावॉट क्षमता का केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी।

डाल्बी माइनिंग एण्ड पॉवर प्रा.लि. 1230 करोड़ रुपये का निवेश का दमोह जिले में सीमेंट प्लांट के साथ 25 मेगावॉट क्षमता का केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी। कम्पनी द्वारा दमोह जिले में 1420 हेक्टेयर भूमि के लिये आवेदन किया गया है।

अनिक फैरो एलॉयंस 657 करोड़ रुपये का निवेश कर झाबुआ जिले में इन्टीग्रेटेड फैरो एलॉयंस प्लांट के साथ केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी। इस परियोजना के लिये कम्पनी को झाबुआ जिले में मेघनगर इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में भूमि आवंटित की गई है।

कॉरपोरेट इस्पात एलॉयंस प्रा.लि. 300 करोड़ रुपये का निवेश कर झाबुआ एवं बालाघाट जिले में इन्टीग्रेटेड फैरो एलॉयंस प्लांट के साथ केप्टिव पॉवर प्लांट और रमनिक पॉवर 238 करोड़ रुपये का निवेश कर बालाघाट जिले में फैरो एलॉयंस प्लांट के साथ केप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित करेगी।

संस्कृत को जर्मन की कड़ी चुनौती

जबलपुर। स्कूलों में जल्द ही तीसरी वैकल्पिक भाषा के रूप में जर्मन भाषा भी पढ़ाई जाएगी। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड देशभर में इसकी शुरूआत केन्द्रीय विद्यालयों से करने जा रहा है। प्रयोग सफल रहने पर राज्यों के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी इसे लागू कर सकेंगे।

इस समय तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत पढ़ाई जा रही है। जर्मन भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल करने से पहले केन्द्रीय विद्यालयों में रायशुमारी कराई जा रही है। रायशुमारी से मिले रूझान के मुताबिक संभावना जताई गई है कि वर्ष 2011-12 में इन विद्यालयों में जर्मन भाषा की पढ़ाई की शुरूआत हो जाएगी। यह विषय किसी छात्र पर थोपा नहीं जाएगा बल्कि छात्र की इच्छा पर ही उसे मिलेगा।

कक्षा छह से शुरूआत
सूत्रों के अनुसार जर्मन भाषा को संस्कृत के विकल्प के रूप में पढ़ाने की शुरूआत कक्षा छह से होगी। इसका सिलेबस सीबीएसई एवं एनसीईआरटी बोर्ड तैयार करेगा। जर्मन भाषा की फैकल्टी बनाने के साथ जरूरत के मुताबिक जर्मन भाषा के जानकार शिक्षकों को भी स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा।

मप्र और छग की सहमति
केन्द्रीय विद्यालय संगठन के निर्देश के बाद मप्र और छत्तीसगढ़ रीजन से कक्षा छह से आठ के 3500 छात्रों ने जर्मन भाषा सीखने के लिए सहमति दी है। यहां के केन्द्रीय विद्यालयों संगठन के दिल्ली मुख्यालय को इसकी जानकारी भिजवा दी है। हालांकि यह अनुमान लगाया गया है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, भिलाई, बिलासपुर, रायपुर, कोरबा, दुर्ग, रीवा के 64 केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 15 हजार छात्रों में 9 हजार छात्र जर्मन सीखने में रूचि लेंगे।

बढ़ती उपयोगिता को देख निर्णय
सूत्रों के मुताबिक जर्मन भाषा की उपयोगिता और इसकी पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद को देखते हुए इसे स्कूलों में पढ़ाने की तैयारी की जा रही है। विश्व में जर्मन भाषा की ट्रेनिंग, प्रचार-प्रसार में सक्रिय गोथी इंस्टीट्यूट के माध्यम से इसकी पढ़ाई की व्यवस्था होगी। दिल्ली, चंडीगढ़, बैंगलोर, अहमदाबाद में इसकी शाखाएं हैं।

मप्र : घूस देकर पेट भर रहे 57 फीसदी

भोपाल. रिश्वत का घुन सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को भी खोखला कर रहा है। आलम ये है कि प्रदेश के करीब 57 फीसदी गरीबों को राशन हासिल करने के लिए घूस देनी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट में पेश एक रिपोर्ट में हुए इस खुलासे ने राशन की कतारों का सच सबके सामने ला दिया है। गौरतलब है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की गुरुवार को आई रिपोर्ट में भी कहा गया है कि देश में हर दूसरे आदमी को अपना काम निकलवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है।

पीडीएस पर निशाना साधती हालिया रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नरों ने तैयार की है, जिसमें देश में खाद्य एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का आकलन किया गया है। रिपोर्ट में प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई खामियां सामने आई हैं।

गांवों में किए गए इस सर्वे से पता चलता है कि राशन पाने के लिए लोगों से निर्धारित राशि से कहीं अधिक पैसा लिया जाता है। लोगों ने स्वीकार किया कि दुकानदारों ने उनसे जानबूझकर ज्यादा पैसे देने को कहा। सर्वे में लोगों ने ये भी बताया कि नया राशन कार्ड बनवाने या उसमें कुछ परिवर्तन करवाने के लिए उनसे 50 से ५क्क् रुपए तक की रिश्वत मांगी गई। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में पीयूसीएल (पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीस)ने भोजन के अधिकार मामले में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष न्यायालय ने कमिश्नर नियुक्त किए थे।


राज्य-केंद्र के दावों में अंतर

केंद्र सरकार प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या केवल ४१.२५ लाख ही मानती है, जबकि राज्य शासन के अनुसार प्रदेश में ऐसे परिवारों की संख्या 67.35 लाख है। केंद्र से पीडीएस के तहत जो राशन आता है, वह 41.25 लाख परिवारों के हिसाब से आता है। इस तरह सीधे-सीधे 26.10 बीपीएल परिवार सब्सिडाइज्ड राशन से वंचित रह जाते हैं।

खाद्य मंत्री पारस जैन से तीन सवाल

सवाल 1 : करीब 10 फीसदी लोगों के पास अब भी राशन कार्ड नहीं हंै।

मंत्री : लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में हमने ३क् दिन में राशन कार्ड बनाने का प्रावधान किया है। इससे स्थिति सुधरेगी।

सवाल 2 : राशन और राशन कार्ड बनाने के लिए लोगों को घूस देनी पड़ती है।

मंत्री : इसको लेकर हम सख्ती बरत रहे हैं। फूड कूपन प्रणाली लागू होने के बाद इसमें सुधार होगा।

सवाल 3 : सुधार कब तक होगा?

मंत्री : पीडीएस में गड़बड़ियां वर्षो से चली आ रही हंै। इसमें सुधार के लिए समय तो लगेगा ही।



भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता हमारा पैसा

योजना आयोग के मुताबिक मप्र उन राज्यों में शामिल है, जहां ५क् से ७५ फीसदी राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। पीडीएस के तहत वह अनाज होता है, जिस पर करोड़ों रुपए की सब्सिडी दी जाती है। वर्ष २क्क्८ की आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार मप्र में पीडीएस की सब्सिडी पर १,क्५क् करोड़ रुपए खर्च किए गए। सब्सिडी का पैसा अंतत: आम लोगों और करदाताओं की जेब से ही जाता है।


सर्वे का कड़वा सच

> १७ फीसदी गांवों में राशन का अनाज ब्लैक मार्केट में बेच दिया गया।

> १क् फीसदी लोगों ने बताया उनके राशन कार्ड गांव के ही दबंगों के कब्जे में हैं।

> ७५ फीसदी परिवारों को निर्धारित मात्रा में राशन नहीं मिल रहा।

> प्रदेश के ५8 फीसदी इन गांवों में राशन की दुकानें नहीं हैं। गांवों के लोगों को राशन के लिए तीन किमी या उससे भी अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है।

‘इस रिपोर्ट को लेकर राज्य शासन से भी हमारी बात हुई है। रिपोर्ट में जो केस हमने बताए, शासन ने उनका निपटारा करना शुरू कर दिया है, लेकिन यहां मुद्दा सिस्टम का है। सिस्टम को बदलना होगा, तभी नतीजे सामने आएंगे।’

- सचिन जैन, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नरों के प्रदेश एडवाइजर (मप्र)

चोरी की बिजली से बन रहा बिजलीघर

जबलपुर प्रदेश को रोशन करने के नाम पर बड़ी कम्पनियां सरकार को चूना लगा रही हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने सासन में अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस एनर्जी को चोरी की बिजली से अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का निर्माण करते पकड़ा है। कम्पनी रीडिंग बायपास कर बिजली चोरी कर रही थी। मामले में 7.61 करोड़ की बिलिंग की गई है। यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बिजली चोरी का मामला है।


सिंगरौली के सासन में रिलायंस एनर्जी ने 4000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी से एक वर्ष पूर्व 33 केवी का अस्थाई कनेक्शन लिया था। मॉनिटरिंग के दौरान पाया गया कि रिलायंस एनर्जी के मीटर में उपयोग से कम खपत दर्ज हो रही है। 29 सितम्बर को विजिलेंस टीम ने छापा मारकर रिलायंस एनर्जी के परिसर की जांच की। विजिलेंस टीम ने मीटर को जांच के लिए जब्त किया।

सीपीआईआर में जांच

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की मीटरों की जांच के लिए जबलपुर में हाईटैक मीटर लैब है। संदिग्ध मीटरों की जांच इसी लैब में की जाती है। मामला बड़ी कम्पनी से जुड़ा होने की वजह से रिलायंस एनर्जी के मीटर की भोपाल स्थित सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई) में जांच कराई गई। जांच के दौरान रिलायंस एनर्जी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 30 नवंबर को भेजी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि मीटर में रीडिंग बायपास कर बिजली चोरी की जा रही थी।

तो कटेगा कनेक्शन

विजिलेंस ने रिलायंस एनर्जी के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। रीवा के मुख्य अभियंता प्रमोद क्षत्री को 7.61 करोड़ रूपए का बिल वसूली के लिए भेजा गया है। रिलायंस एनर्जी बिल भरने से इनकार करती है तो कनेक्शन काट जाएगा।

विधायक पास से तस्करी!

इंदौर । विधायक रमेश मेंदोला जिस विधानसभा क्रमांक दो से विधायक हैं, उसी विधानसभा का पास लगाकर शराब की तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने राजबाड़ा क्षेत्र में एक स्कॉर्पियो को पकड़ा और हजारों की अवैध शराब जब्त की। गिरफ्तारी से पहले ड्राइवर ने पुलिस जवानों को दादागीरी दिखाकर यह जताया कि उसके सिर पर जिसका हाथ है, उसे पता चला तो उनकी खैर नहीं। पुलिस ने ड्राइवर की रंगदारी नहीं चलने दी और उसे गिरफ्तार कर लिया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक स्कॉर्पियो (एमपी09-एमक्यू-0008) अवैध शराब की डिलीवरी देने राजबाड़ा क्षेत्र से जा रही है। इस पर उन्होंने कोबरा टू के प्रभारी रामचंद्र परिहार की टीम को गाड़ी पकड़ने भेजा। टीम ने जैसे ही गाड़ी रोकी। पहले तो उस पर विधायक का पास देखकर चौंक गए। उन्होंने ड्राइवर को नीचे उतारा तो वह टीम को धमकी देने लगा। पुलिस ने गाड़ी की तलाशी ली तो उसमें 40 पेटी शराब भरी मिली।

इस पर ड्राइवर विक्की पिता मंदा रघुवंशी निवासी शुभम नगर को बंदी बना लिया गया। उसने पुलिस को बताया कि यह ठेकेदार का ही माल है और वह एरोड्रम क्षेत्र में एक जगह देने जा रहा था। जब उससे पूछा कि शहरी क्षेत्र क्रमांक-02 विधायक टोल पास कहां से लाया? वह इसका कोई जवाब नहीं दे सका। अब पुलिस गाड़ी नंबर के आधार पर गाड़ी मालिक का पता लगा रही है।


मेरा कोई लेना-देना नहीं

इस संबंध में क्षेत्र क्रमांक दो के विधायक रमेश मेंदोला से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि टोल का कोई पास सरकार नहीं बनाती है। किसी भी विधायक का ऎसा पास नहीं है। अपराधी प्रवृत्ति के लोग पुलिस से बचने के लिए ऎसे पास बना लेते हंै। यह गाड़ी वाला कौन है मुझे नहीं पता, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

प्रदेश में पहली बार जबलपुर में बनेगा डेयरी स्टेट

जबलपुर के लिये 208 करोड़ रूपये से अधिक की जिला योजना
Bhopal: Friday, December 10, 2010: Updated 13:40IST

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इंडस्ट्री स्टेट की तर्ज पर राज्य में पहली बार जबलपुर में परियट के समीप 80 एकड़ भूमि पर डेयरी स्टेट की स्थापना की जाएगी। यहां डेयरी उद्योग के लिये सभी जरूरी और अत्याधुनिक सुविधायें उपलब्ध रहेगी। ग्रामीण क्षेत्र के पशु पालकों तथा कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर के अधारताल क्षेत्र में तीन करोड़ की लागत से सर्व सुविधायुक्त पशु चिकित्सा पॉली क्लीनिक की स्थापना शीघ्र की जायेगी।

विधि-विधायी, संसदीय कार्य एवं आवास मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गुरूवार को सम्पन्न जिला योजना समिति जबलपुर की बैठक में डेयरी स्टेट योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि डेयरी स्टेट योजना के अन्तर्गत नाली, पानी, पशु उपचार, कोल्ड स्टोरेज, दुग्ध बिक्री केन्द्र, पशुमल निपटान, गोबर गैस संयंत्र, गोबर से बिजली उत्पादन की सुविधा रहेगी। जिला योजना समिति की इस बैठक में 30 शासकीय विभागों द्वारा वर्ष 2011-12 के लिये तैयार 208 करोड़ 13 लाख रूपये की जिला योजना का अनुमोदन किया गया। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी, पशुपालन एवं मछली पालन मंत्री अजय विश्नोई विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर प्रभारी मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने निर्देश दिये कि लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित सेवाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराने वाले दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों को दंडित किया जाये। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से यह भी अपेक्षा की कि वे इस कानून के बारे में नागरिकों में जागरूकता लाने में सहयोग प्रदान करेंगे। प्रभारी मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि शासकीय अधिकारी, विधायक गणों और जनप्रतिनिधियों के साथ हमेशा सम्मानजनक व्यवहार करें।

पशु चिकित्सा विभाग के जिला योजना प्रारूप पर चर्चा करते हुए पशुपालन मंत्री श्री विश्नोई ने बताया कि जबलपुर में डेयरी स्टेट प्रोजेक्ट के लिये उपयुक्त भूमि का चयन शीघ्र किया जा रहा है। मछली पालन विभाग की योजना के प्रारूप पर चर्चा के दौरान गया कि मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है । इस वर्ष करीब 42 लाख मत्स्य बीजों का उत्पादन हो चुका है।

वन विभाग की चर्चा में विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने निस्तार डिपो में जलाऊ लकड़ी का तत्काल इंतजाम करने के निर्देश दिये। सहकारिता विभाग की चर्चा में गृह निर्माण समितियां की अनियमितता पर की गई कार्रवाई एवं हितग्राहियों की शिकायतों के निराकरण की जानकारी ली गयी। ग्रामीण विकास योजनाओं पर चर्चा में बताया की मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत जबलपुर जिले में तीन हजार आवास बनाने का प्रस्ताव है।

जिला योजना समिति की बैठक में जबलपुर जिले में शिक्षा के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुये प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिये कि जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षकों की कमी को दूर किया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओं में खेल मैदान निर्माण पर भी बैठक में चर्चा हुई। खेल एवं युवक कल्याण विभाग के वजट में सर्व सहमति से एक करोड़ रूपये की वृद्धि की गयी। बैठक में प्रारंभ में प्रभारी मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि रानीताल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के स्टेडियम के विकास के लिये विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने विधायक निधि से पांच लाख रूपये दिये हैं तथा अन्य विधायक गण भी सहयोग राशि प्रदान कर रहे हैं।

सरकारी खजाने पर पहला हक गरीबों और मजदूरों का

मजदूर नशे की आदत छोड़े, मुख्यमंत्री श्री चौहान पहुंचे इतवारा चौक के मजदूर पंजीयन शिविर में
Bhopal: Friday, December 10, 2010:
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने राज्य शासन के खजाने पर पहला हक गरीबों और मजदूरों का बताया है। श्री चौहान आज सुबह स्थानीय इतवारा चौक पर निर्माण क्षेत्र में संलग्न ठेका मजदूरों के पंजीयन शिविर को संबोधित कर रहे थे। पंजीयन शिविर नगर निगम, जिला प्रशासन और श्रम विभाग के तत्वावधान में लगाया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिविर में उपस्थित मजदूरों से नशे की आदत को छोड़ने का भी आव्हान किया। उन्होंने कहा कि शराब सहित अन्य प्रकार के नशे से न केवल मजदूर आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं बल्कि स्वास्थ्य और अनेक प्रकार की पारिवारिक दिक्कतों से भी रू-ब-रू होते हें। उन्होंने उपस्थित मजदूरों से नशे की आदत को छोड़ने का संकल्प भी करवाया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे राज्य में सभी तरह के मजदूरों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। मजदूरों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि मजदूर भाई-बहनों को उनके लिये बनायी गयी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये अपना पंजीयन आवश्यक रूप से करवाना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने पंजीयन के बाद मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र में संलग्न ठेका मजदूरों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिये पंजीयन कराया जायेगा और उनके परिचय पत्र बनाये जायेंगे। इसके लिये विशेष शिविर लगाये जायेंगे। इन शिविरों में मजदूरों के पंजीयन के अलावा उनके छाया चित्र निकलवाने, स्वास्थ्य परीक्षण और पंजीयन के बाद मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी के विशेष काउंटर लगेंगे। मजदूर बहनों को प्रसव के बाद बिना काम किए डेढ़ माह की मजदूरी दी जायेगी। उनके मजदूर पतियों को भी 15 दिन की मजदूरी दी जायेगी। मजदूरी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु के प्रकरण में मजदूर के परिवार को 75 हजार रूपये आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। विकलांग होने पर 37 हजार रूपये की सहायता दी जायेगी। गंभीर बीमारी के इलाज की पूरी व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से कक्षा पहली से 50 रूपये प्रति माह छात्रवृत्ति मिलेगी और स्नातक स्तर पर पढ़ाई के लिये अन्य सुविधाओं के साथ 400 रूपये प्रति माह छात्रवृत्ति दी जायेगी।

श्री चौहान ने कहा कि इतवारा क्षेत्र में लगाये गये इस शिविर में जरूरी होने पर शनिवार को भी पंजीयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पंजीकृत सभी श्रमिकों को 30 दिसंबर 2010 तक परिचय-पत्रों का वितरण कर दिया जायेगा।

इसके पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिविर के विभिन्न काउंटरों पर जाकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को अपने बीच पाकर मजदूरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुल्लोबाई सहित कुछ मजदूरों से बातचीत भी की। श्री चौहान ने इस अवसर पर श्रीमती सविता गौर सहित तीन मजदूरों को संनिर्माण कर्मकार मंडल की योजनाओं के हित लाभ पत्र भी प्रदाय किये।

इस अवसर पर विधायक श्री ध्रुवनारायण सिंह और श्री विश्वास सारंग, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुरेंद्रनाथ सिंह, म.प्र. क्रीड़ा परिषद के उपाध्यक्ष श्री ओम यादव, प्रमुख सचिव श्रम श्री पुखराज मारू, भेापाल संभाग आयुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव, कलेक्टर भोपाल श्री निकुंज श्रीवास्तव, नगर निगम आयुक्त श्री मनीष सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री आलोक शर्मा भी मौजूद थे।

' मुन्नी...जैसे गानों को लोकगीत कहना लोकगीतों का शोषण है'



भोजपुरी लोकगीतों में रुचि रखने वालों के लिए मालिनी अवस्थी एक परिचित नाम हैं. लोकगीतों को फूहड़ता की छाया से बाहर निकालने और उन्हें बड़े शहरों के अल्ट्रा मॉडर्न तबके के बीच स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका है.

एक दौर की जानी-पहचानी गजल गायिका लोकगायिका कैसे बन गई?

आकाशवाणी के लिए मैं ए ग्रेड की गजल गायिका रही हूं. इसके बाद भी मुझे प्रसिद्धि और संतुष्टि लोकगीतों से ही मिली. मैं शहरी माहौल में पली-बढ़ी. इसके बावजूद बचपन से लोकगीत मुझे संगीत की किसी और भी विधा से ज्यादा अपनी तरफ खींचते थे. मुझे लगता है कि यह बीज इस जन्म से बहुत पहले का है जो तमाम प्रतिकारों के बाद भी आकार पाता गया. वरना जितने कारक किसी महिला के लिए संगीत सीखने में बाधा हो सकते थे वे सब मेरे साथ भी थे. लोकसंगीत के गायन में तो चुनौतियां और ज्यादा थीं.

आप किन चुनौतियों की बात कर रही हैं?

लोकगीत विशेषकर भोजपुरी लोकगीत फूहड़ता का पर्याय बनते जा रहे थे. बल्कि यूं कहें कि गमछा और खटिया वाले लोकगीतों के चलते पूरी भोजपुरी भाषा के प्रति ही यह नजरिया बनता जा रहा था. मेरा बचपन गोरखपुर और मिर्जापुर जैसे शहरों में गुज़रा है इसलिए मुझे हमेशा इस बात का दुःख होता था. हालांकि मैं मूलतः अवधी हूं और ज्यादातर अवधी लोकगीत ही प्रस्तुत करती हूं लेकिन मेरी लोकप्रियता में भोजपुरी का अहम योगदान है. मुझे खुशी है कि बिना सतही गाने गाए भी मुझे पसंद किया गया. इसकी वजह भी यही थी कि भोजपुरी समाज अपनी भाषा को अश्लील बताए जाने और उसकी लोकसंस्कृति को गंदला किए जाने के दंश से गुजर रहा था, इसलिए उसे खुशी हुई कि भोजपुरी न होते हुए भी मैंने भोजपुरी को अपनाया और उसका सम्मान भी बचा कर रखा. दूसरी चुनौती यह थी कि लोकगायकों को दूसरे दर्जे का गायक समझ कर व्यवहार किया जाता था. शास्त्रीय गजल और फिल्मी गायकों के आगे उनको कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता था. मैं खुश हूं कि कम से कम यह धारणा थोड़ी ही सही कम जरूर हुई है.

बहुमुखी प्रतिभा होते हुए भी आप लोकगायिका के रूप में मशहूर हो गई हैं, क्या कभी टाइपकास्ट होना अखरता नहीं?

लोकगीतों का क्षेत्र इतना व्यापक है कि इससे ऊबना संभव ही नहीं है. मेरी कोशिश लोकसंगीत के ज्यादा से ज्यादा रूपों को जनता के सामने लाने की है. अभी बहुत काम बाकी है. दूसरी विधाओं के बारे में सोचना तो तब उचित है जब मैं लोकसंगीत के क्षेत्र में पूरा काम कर लूं. मैं आज भी नए लोकगीतों की खोज में रहती हूं, नई धुनें तलाशती रहती हूं, कभी किसी गांव की माई से तो कभी किसी किसान से.

पिछले कुछ समय से फिल्मों में लोकगीतों की वापसी पर आप क्या सोचती हैं?

लोकगीत ही नहीं मुझे लगता है कि लोकसंस्कृति भी कहीं न कहीं वापस आई है. इससे यह पूर्वाग्रह भी टूटा है कि बड़े बजट और विदेशों में शूटिंग करके ही फिल्में हिट हो सकती हैं. वेल डन अब्बा और वेलकम टू सज्जनपुर की आलोचना एक भी सुधी व्यक्ति नहीं कर सकता. श्याम बेनेगल जैसे लोग इसीलिए बड़े कहे जाते हैं कि वे इस मीडियम की जिम्मेदारियां समझते हैं.

मुन्नी बदनाम हुई खूब चर्चित हो रहा है.

ऐसे गानों को लोकगीत की श्रेणी में डालना लोकगीतों का शोषण करना है. दूसरे, यह गाना जिस गीत पर बना है वह भी कोई बहुत शिष्ट गाना नहीं है, लेकिन फिर भी नौटंकी और वैसे गाने का अपना एक मौका और स्थिति होती है. और उस पर आप यह भी दावा कर रहे हैं कि इसके बोल आपके हैं. और बोल भी क्या हैं, मैं झंडू बाम हुई.. दरअसल, आप लोकगीतों के नाम पर अपने एक घटिया गीत को भुनाना चाहते हैं. आप इतना काम कर चुके हैं और इसके बाद भी आपसे एक ढंग का गाना नहीं बनता.

पूरे देश में गाने के बाद वापस लखनऊ या बनारस में गाना कैसा लगता है?

लखनऊ में गाने जैसा तो कोई अनुभव हो ही नहीं सकता. यह मेरा अपना घर है. यहां मैं उसी तरह बेफिक्री से गाती हूं जिस तरह कोई छोटी बच्ची अपने घर के आंगन में गाती-खेलती है. बनारस में गाते हुए थोडा सा सचेत सी रहती हूं या कहूं कि गायिकी में यह भाव अपने आप ही आ जाता है क्योंकि ऐसा लगता है मानो मेरी गुरु गिरिजा देवी की आंखें मुझे देख-परख रही हैं. दूसरे, यह ऐसा शहर है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां का नवैय्या (नाविक) भी एक आम गायक से ज्यादा सुरीला होता है.

लड़कियां खुद भी बदलती हैं सरनेम

नाम हर किसी का व्यक्तिगत अधिकार है और वह जब चाहे इसे बदल सकता है। यहां सामने सवाल यह ह
ै कि शादी के बाद लड़की सरनेम बदले या नहीं। सवाल इस बात का भी है कि परेशानी सरनेम बदलने से होती है या उस पर इस मकसद से पड़ने वाले दबाव से। कई लड़कियां शादी के बाद स्वेच्छा से अपना नाम बदल लेती हैं। जैसे पुष्पा सिन्हा को मैंने पुष्पा सिन्हा झा बनते देखा है। डॉक्टर बनने के बाद नाम से पहले डॉक्टर श्रीमती स्नेहलता वर्मा होते भी देखा है।

कुछ लड़कियों को अपने अंदर नाम को लेकर कोई अभिमान नहीं है। कुछ इस तरह का भाव है कि क्या फर्क पड़ता है, पति का सरनेम लग जाए तो भी कोई बात नहीं। वे शादीशुदा जिंदगी की सफलता के लिए स्वेच्छा से इन बातों पर ध्यान नहीं देतीं। आचार्य रजनीश ने कहीं कहा था, प्रेम की सफलता के लिए जरूरी है मैं का खत्म होना। कई लड़कियां जाने-अनजाने इसी बात को ध्यान में रखकर नाम बदलने या न बदलने को जीवन का अहम सवाल नहीं मानती हैं।

जो लड़कियां सरनेम बदलने के विरोध में हैं, उनका विरोध निश्चित तौर पर दबाव को लेकर है। उनकी समस्या सिर्फ नाम बदलना नहीं, बात-बात में उन पर पड़ने वाला दबाव है। यह दबाव सिर्फ सरनेम बदलने तक सीमित नहीं होता। अक्सर यह भी देखा गया है कि नाम बदलने का दबाव दुलहन को दूल्हे से ज्यादा ससुराल की महिलाओं की ओर से पड़ता है। वैसे दबाव किसी पुरुष सदस्य का भी हो, तो इसका विरोध किया जाना चाहिए।

आखिर में मेरा एक सवाल यह भी है कि सरनेम क्यों हो। मेरे हिसाब से यह नाम की स्वतंत्रता को किसी छाया में बांध देता है। जात-पात, कुल-खानदान, आदि की छाया। इन सामाजिक अभिशाप से मुक्त होने के लिए सरनेम खत्म ही हो जाना चाहिए। इसकी शुरुआत भी हो गई है। बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों का नाम सिर्फ मानव, हितेन आदि रख रहे हैं। शादी के बाद लड़की को अपना सरनेम बदलना चाहिए या नहीं, इस सवाल का जवाब देने से पहले मैं पर्सनल अनुभव के आधार पर सबसे यही गुजारिश करूंगा कि कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए जीवन में कभी भी अपना नाम न बदलें। एक बार जो नाम तय हो गया, उसमें मात्रा का भी फर्क मुसीबत में डाल सकता है।

मान लीजिए, बच्चे के जन्म पर म्यूनिसिपल सर्टिफिकेट में आपने उसका जो नाम लिखवाया, वैक्सिनेशन कार्ड पर उसे बदलकर नया नाम लिखवा देते हैं। इसका नतीजा आपको स्कूल एडमिशन के वक्त भुगतना पड़ेगा, जब स्कूल वाले खूब दौड़ाएंगे। जन्म ही नहीं, नाम बदलने पर मौत के बाद भी परेशानी होती है। इन केस में वारिस को पैसा मिलना टेढ़ी खीर हो जाता है।

कांग्रेस भवन में "तिरंगे" पर चला चाकू

रायपुर । कांग्रेसियों ने अपनी नेता सोनिया गांधी का जन्मदिन मनाने के उत्साह में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के सम्मान की भी परवाह नहीं की। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री सुभाष शर्मा ने एक ऎसा केक काटा जिस पर तिरंगा ध्वज और अशोक चक्र बना हुआ है।

एक चाकू से इस तिरंगे के टुकड़े- टुकड़े करके कांग्रेसी इसे आपस में बांट कर खा गए। कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए इस घटना को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदरचंद धाड़ीवाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के 66वें जन्मदिन पर केक काटकर खुशी मनाई गई।

गांधी मैदान में मजदूरों के बीच लड्डू बांटे गए। कोटा स्थित आश्रम में गरीबों को कपड़े दिए गए। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री सुभाष शर्मा, महामंत्री डॉ. निरंजन हरितवाल, उपाध्यक्ष मदनलाल तालेड़ा, प्रवक्ता शेख शकील, प्रदेश सचिव सतीश जैन सहित कई अन्य उपस्थित थे।


शिकायत आई तो कार्रवाई : एसपी

एसपी दिपांशु काबरा का कहना है कि इस बारे में शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी। यह देखा जाएगा कि इस मामले में झंडा संहिता का किस प्रकार उल्लंघन हुआ है।

यह तिरंगे का अपमान है

ऎसा लगता है कि यह तिरंगे वाला केक विशेष रूप से बनाया गया होगा। क्योंकि बाजार में ऎसा केक बिकता नहीं देखा गया है। न शहर, न प्रदेश और देश में कभी किसी ने राष्ट्रीय ध्वज का इस तरह अपमान किया है। तिरंगे वाले केक को चाकू से काटा जाना घोर अनुशासनहीनता है। यह झंडा संहिता का उल्लंघन है। जिन लोगों ने भी यह कृत्य किया है उनको इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। - इकबाल अहमद रिजवी, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता

प्रेग्नेंट हैं विद्या बालन !

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन प्रेग्नेंट हैं। चौकिंए मत। विद्या असल जिन्दगी में नहीं बल्कि एक फिल्म में प्रेग्नेंट लेडी का रोल अदा कर रही हैं।

खबर है कि विद्या सुजॉय घोष की आने वाली फिल्म "कहानी" में छह महीने की प्रेग्नेंट विधवा महिला के रोल में नजर आएंगी जो कि अपने पति की मौत का बदला लेती है। कोलकाता और लंदन में शूट होने वाली यह फिल्म वर्ष 2011 के मध्य तक सिनेमाघरों में रिलीज होने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक फिल्म में विद्या के पति काम के लिए लंदन से भारत आते हैं। भारत आने के बाद वह रहस्यमई ढंग से गायब हो जाते हैं जिसके बाद विद्या उन्होंने खोजने के लिए लंदन से कोलकाता आती हैं।

सुजॉय घोष कहते हैं कि उन्होंने विद्या को ध्यान में रखकर ही इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है। यह एक ऎसी औरत की कहानी है कि जो छह महीने की गर्भवती है और अपनी लड़ाई लड़ती है। विद्या इस मूवी में बिलकुल अलग अंदाज में दिखेंगी। ज्ञात हो इश्किया फिल्म में विद्या अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं।

"सबको पता है कौन सा जज भ्रष्ट है"



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज भ्रष्टाचार पर टिप्पणी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट पर की गई टिप्पणी वापस लेने से इनकार करते हुए कहा कि सबको पता है कि कौन सा जज भ्रष्ट है और कौन नहीं। अदालत ने हाई कोर्ट की याचिका पर कहा कि यह समय प्रतिक्रिया व्यक्त करने का नहीं बल्कि आत्मविश्लेषण करने का है।

जस्टिस मार्कडेय काट्जू ने कहा कि उनके परिवार का पिछले सौ सालों से हाई कोर्ट से नाता रहा है और वह क्यों हाई कोर्ट की बदनामी चाहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जज भ्रष्ट नहीं होते। कोर्ट में अच्छे न्यायाधीश भी मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि जस्टिस काट्जू के पिता जस्टिस एसएन काट्जू इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे। उनके चाचा जस्टिस बीएन काट्जू भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। खुद मार्कडेय काट्जू सुप्रीम कोर्ट आने से पहले वर्ष 2004 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद पर थे। वह मद्रास और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं।

गौरतलब है कि 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ न्यायाधीशों की ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि वहां कुछ गड़बड़ है। जस्टिस मार्कडेय काट्जू और जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा की पीठ ने कहा था, शेक्सपीयर ने "हेमलेट" में कहा था डेनमार्क राज्य में कुछ गड़बड़ है। उसी तर्ज पर कहा जा सकता है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ गड़बड़ है। वहां साफ-सफाई की जरूरत है।

पीठ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वे इसे ठीक करने के लिए कठोर उपाय करें। कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी हाईकोर्ट के कुछ जजों के "अंकल जज" सिंड्रोम से ग्रस्त होने का इशारा करते हुए की थी।

पाक सेना ने कराए भारत विरोधी फर्जी खुलासे!

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान के अधिकतर अखबारों ने विकीलीक्‍स केबल का हवाला देते हुए भारत के बारे में बकवास खबरें प्रकाशित की हैं। इन खबरों में अमेरिकी राजनयिकों को भारतीय सेना की बुराई करते हुए बताया गया है तो पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को क्‍लीन चिट दी गई है। ब्रिटिश अखबार 'गार्जियन' ने पाकिस्‍तानी मीडिया के इस झूठ की पोल खोल दी है। इस अखबार ने विकीलीक्‍स के गोपनीय संदेशों से इन तथ्‍यों का मिलान किया तो पता चला कि ऐसी बातें गोपनीय केबल में हैं ही नहीं। इसके बाद तमाम पाकिस्‍तानी अखबारों ने माफी भी मांग ली है। इन अखबारों ने एक ऑनलाइन एजेंसी के हवाले से विकीलीक्‍स 'खुलासे' की फर्जी, भारत विरोधी खबरें छापी थीं।

पाकिस्‍तानी अखबारों का कहना है कि अमेरिकी राजनयिकों की नजर में जम्‍मू-कश्‍मीर में बोस्निया जैसा नरसंहार हो रहा है। इसमें भारतीय सेना के पूर्व चीफ जनरल दीपक कपूर को ‘अक्षम’ और ‘घमंडी’ व्‍यक्ति बताया गया है। हालांकि ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने जब इन तथ्‍यों की पड़ताल विकीलीक्‍स के केबल से की तो पाया कि ऐसी खबरें आधारहीन हैं।

पाकिस्‍तानी अखबार ‘द न्‍यूज’ के मुखपृष्‍ठ पर प्रकाशित खबर की हेडलाइन इस तरह है, ‘बलूचिस्‍तान, वजीरिस्‍तान में भारतीयों की मिलीभगत के पर्याप्‍त सबूत’। उर्दू दैनिक ‘जंग’ और ‘नवा-ए-वक्‍त’ में भी इसी तरह की खबरें प्रकाशित हुई हैं। ‘द नेशन’ में फ्रंट पेज पर प्रकाशित खबर की हेडिंग है, ‘कश्‍मीर में बोस्निया जैसा नरसंहार’। ‘द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून’ ने अंदर के पन्‍नों में विकीलीक्‍स के फर्जी खुलासों की खबरें छापी हैं।

इन खबरों में भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल दीपक कपूर को ‘अक्षम लड़ाकू नेता’ और ‘बेहद मूर्ख’ कहा गया है। इसमें आगे कहा गया है कि भारतीय सेना ‘दो गुटों’ में बंट गई है जिनमें एक की अगुवाई जनरल कपूर कर रहे हैं तो दूसरे गुट की कमान मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वी. के. सिंह के हाथ में है।

पाकिस्‍तानी अखबारों ने लिखा है, ‘मुंबई हमलों में शहीद हुए मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया था कि देश में भारतीय सैन्‍य अधिकारियों और हिंदू चरमपंथी गुटों के बीच खतरनाक गठजोड़ है।’ इन अखबारों ने भारत के सैन्‍य अधिकारी की तुलना सर्बियाई नेता स्‍लोबोदान मेलोसेविच से की है जिन पर युद्ध अपराधों के आरोप लगे थे।

पाकिस्‍तानों अखबारों ने इस्‍लामाबाद स्थित ‘ऑनलाइन एजेंसी’ को इन खबरों का स्रोत बताया है। यह न्‍यूज एजेंसी पाकिस्‍तानी सेना के समर्थन में खबरें चलाती है। हालांकि इन खबरों में किसी संवाददाता की बाईलाइन नहीं है।

आईएसआई को क्‍लीन चिट

पाक मीडिया के मुताबिक अमेरिकी हुक्‍मरानों ने आईएसआई प्रमुख जनरल अहमद शुजा पाशा की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा है कि उनकी इस पद पर मौजूदगी से खुफिया एजेंसी की ताकत बढ़ाने में मदद मिलेगी। विकीलीक्‍स के ‘केबल’ का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुंबई हमलों में पाशा की अगुवाई में आईएसआई का प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष तौर पर किसी तरह का हाथ रहा है। दूसरी ओर इन हमलों के मामले में गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब के बयान के आधार पर तैयार डोजियर को ‘हास्‍यास्‍पद’ और ‘निहायत बचकाना’ करार दिया गया है।

जोशी दंपति फिर मुसीबत में,अब शिकंजा लोकायुक्त का

भोपाल. आयकर छापे के बाद चर्चा में आए निलंबित आईएएस दंपती अरविंद-टीनू जोशी और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर दीपक असाई और रामदास चौधरी के निवासों पर शुक्रवार अल सुबह लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा। इन अधिकारियों के निवासों पर फरवरी में आयकर छापा पड़ा था।
नहीं मिले असाई:
लोकायुक्त पुलिस की टीमें शुक्रवार सुबह जोशी दंपती के 74 बंगला, असाई के गोमती कॉलोनी नेहरू नगर और चौधरी के कंफर्ट गार्डन चूना भट्टी स्थित आवासों पर पहुंची। जोशी और असाई के घर पर तलाशी शुरू हो गई। असाई किसी वैवाहिक समारोह में राजधानी से बाहर हैं, इसलिए उनके निवास पर फिलहाल कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है। लोकायुक्त पुलिस के आला अफसरों के अनुसार उन्हें जानकारी दे दी गई है। उनके लौटने के बाद कार्रवाई शुरू हो सकेगी।
बड़ी मात्रा में हेरा-फेरी:
उल्लेखनीय है कि इन तीनों अधिकारियों के निवासों पर फरवरी के पहले सप्ताह में आयकर विभाग ने छापा मारा था। इस छापे में जोशी दंपती के निवास से तीन करोड़ से अधिक नकद बरामद हुए थे। चौधरी और असाई के यहां भी बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति के सुबूत हाथ लगे थे। आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद राज्य शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था। विभाग ने इस कार्रवाई की जानकारी लोकायुक्त संगठन को भी दी थी। इस जानकारी के आधार पर ही लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई की है। छापे की कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देर शाम तक मिलने की संभावना है।