vinod upadhyay

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शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

"सबको पता है कौन सा जज भ्रष्ट है"



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज भ्रष्टाचार पर टिप्पणी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट पर की गई टिप्पणी वापस लेने से इनकार करते हुए कहा कि सबको पता है कि कौन सा जज भ्रष्ट है और कौन नहीं। अदालत ने हाई कोर्ट की याचिका पर कहा कि यह समय प्रतिक्रिया व्यक्त करने का नहीं बल्कि आत्मविश्लेषण करने का है।

जस्टिस मार्कडेय काट्जू ने कहा कि उनके परिवार का पिछले सौ सालों से हाई कोर्ट से नाता रहा है और वह क्यों हाई कोर्ट की बदनामी चाहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जज भ्रष्ट नहीं होते। कोर्ट में अच्छे न्यायाधीश भी मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि जस्टिस काट्जू के पिता जस्टिस एसएन काट्जू इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे। उनके चाचा जस्टिस बीएन काट्जू भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। खुद मार्कडेय काट्जू सुप्रीम कोर्ट आने से पहले वर्ष 2004 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद पर थे। वह मद्रास और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं।

गौरतलब है कि 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ न्यायाधीशों की ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि वहां कुछ गड़बड़ है। जस्टिस मार्कडेय काट्जू और जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा की पीठ ने कहा था, शेक्सपीयर ने "हेमलेट" में कहा था डेनमार्क राज्य में कुछ गड़बड़ है। उसी तर्ज पर कहा जा सकता है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ गड़बड़ है। वहां साफ-सफाई की जरूरत है।

पीठ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वे इसे ठीक करने के लिए कठोर उपाय करें। कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी हाईकोर्ट के कुछ जजों के "अंकल जज" सिंड्रोम से ग्रस्त होने का इशारा करते हुए की थी।

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