देहरादून. यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और दो महीने से इसे फ्रीजर में छिपाए रखा। घटना का पता उस वक्त चला जब 33 साल की अनुपमा गुलाटी के भाई ने अपनी बहन के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पुलिस से इसकी शिकायत और इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने आरोपी राजेश गुलाटी (37) को रविवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो इंजीनियर पति ने कबूल किया कि उसने अपनी पत्नी की गत 17 अक्टूबर को हत्या कर दी थी। पुलिस के सामने दिए गए बयान में उसने कहा कि मामूली कहासुनी के बाद पत्नी से झगड़ा हुआ लेकिन हवालात में बंद होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कबूल किया कि प्रेम प्रसंगों के चलते उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। साल के इस सबसे खौफनाक और देहरादून में इस तरह के पहले हत्याकांड की असली वजह क्या रही, पुलिस अब तक इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
यह दंपती डेढ़ साल पहले ही अमेरिका से आकर यहां बसा था। दिल्ली के रहने वाले राजेश को यहां प्रकाश विहार से उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी जीएस मारतोलिया ने बताया कि राजेश ने अनुपमा (तस्वीर में) से झगड़े के बाद उसका सिर दीवार से टकरा दिया। उसके बेहोश होने के बाद राजेश ने उसके शरीर के टुकड़े कर उन्हें डीप फ्रीजर में रख दिया। पुलिस ने कहा कि राजेश अपनी पत्नी को घर के खर्च के तौर पर हर महीने 20 हजार रुपये देता था लेकिन इसे बढ़ाने की अनुपमा की मांग पर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई।
घर में पांच साल के जुड़वा बच्चों को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि जिस मां का प्यार उन्हें दो महीने से नहीं मिल रहा उसकी लाश घर में फ्रीजर में रखा है।
हैवानियत की हद
राजेश डीप फ्रिजर में रखे पत्नी के शव के कुछ टुकड़ों को निकालता और मसूरी की पहाडि़यों पर ले जाकर फेंक आता। राजेश ने 10 फरवरी, 1999 को दिल्ली में ही नेताजी नगर निवासी डॉ. बीआर प्रधान की बेटी अनुपमा से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उनमें किसी बात को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया। वर्ष 2000 में अनुपमा को लेकर राजेश अमेरिका चला गया। वहां जून 2006 में उसके दो जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। 2008 में राजेश पत्नी अनुपमा और बच्चों को लेकर देहरादून आ गया और प्रकाश नगर में किराए के फ्लैट में रहने लगा।
पिछले करीब दो माह से जब अनुपमा के परिजन फोन कर उसके बारे में पूछते, तो राजेश बात कराने से मना कर देता। इस पर रविवार शाम अनुपमा का भाई सिद्धांत राजेश के फ्लैट पर पहुंचा, लेकिन वहां ताला पड़ा था। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि अनुपमा दो माह से दिखाई नहीं दी। सिद्धांत ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फ्लैट की तलाशी ली तो एक बडे़ फ्रीजर में लाश के टुकड़े मिले। लाश अनुपमा की थी। काले रंगे की अलग-अलग पॉलीथीन में इन टुकड़ों को रखा गया था।
हत्या के बाद खरीदा फ्रीजर
पुलिस ने जिस वक्त आरोपी इंजीनियर को राजपुर रोड से गिरफ्तार किया उस वक्त वह बच्चों के साथ कार से घूम रहा था। राजेश ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर की रात उसका अनुपमा से झगड़ा हुआ। इस दौरान सिर बेड पर टकराने से अनुपमा बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने अनुपमा के नाक-मुंह पर तकिया रख उसकी हत्या कर दी।
अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार में बड़ा फ्रीजर खरीदा। पत्थर काटने वाले औजार व आरी से लाश के टुकड़े करने के बाद राजेश ने उसे फ्रीजर में छिपा दिया। बच्चे जब मां के बारे में पूछते तो राजेश कह देता कि वह हमें छोड़कर नाना के घर चली गई हैं। एसएसपी के आदेश पर फ्लैट को सील कर दिया गया है। टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फेंके गए टुकड़ों की तलाश में पुलिस टीम मसूरी रवाना हो गई है।
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