अटल बाल आरोग्य मिशन योजना की शुरुआत में देरी
अब २४ दिसम्बर को हो सकता है शुभारंभ, कुपोषण दूर करने तैयार की गई योजना
काम तो पूरे कर लिए, लेकिन फण्ड की कमी ऐसी बनी की अटल बाल आरोग्य मिशन योजना को शुरू ही नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने प्रदेश के तमाम जिलों में कुपोषण को मिटाने के लिए अटल बाल आरोग्य मिशन के नाम से योजना का खाका अगस्त माह के पहले ही तैयार किया था।
बावजूद इसके योजना के लिए पर्याप्त बजट ही नहीं जुटाया जा सका। आलम यह है कि प्रदेश स्तर पर योजना को तय समय पर शुरू नहीं किया जा सका। अब नयी तारीख तय कर शुभारंभ की तैयारी की जा रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के महिला बाल विकास विभाग को यह निर्देश दिए गए कि वे अपने जिले के लिए योजना का बजट तैयार कर भोपाल भेजें। यह काम पूरा करते हुए सभी जिलों ने अपने प्रस्ताव भेज दिए। इसमें जबलपुर जिले का सबसे कम बजट लगभग १ करोड़ २५ लाख के आसपास बताया जा रहा है, जबकि दूसरे जिलों की ओर से कम से कम २ करोड़ और इससे कहीं ज्यादा का बजट दिया गया। लेकिन बजट भेजे जाने के बाद जब आकलन किया गया, तो पता चला कि इस योजना को शुरू करने पर्याप्त रकम ही मौजूद नहीं है। इस योजना में महिला बाल विकास विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग, पीएचई विभाग जैसे दूसरे विभाग भी शामिल किये गए हैं। जानकारी के अनुसार वर्तमान में १८ करोड़ रुपए सभी जिलों के लिए पहली किश्त के रूप में दिए जाने वाले हैं।
पहले कुछ कारणों के चलते योजना का शुभारंभ नहीं हो सका। अब २४ दिसम्बर को योजना का शुभारंभ तय किया गया है। फण्ड की कमी नहीं कही जा सकती है।
- बीआर नायडू, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग
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