vinod upadhyay

vinod upadhyay

रविवार, 12 दिसंबर 2010

शिवसेना ने दिग्विजय को 'मिर्गी का मरीज' बताया

मुंबई. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के 26/11 हमले में शहीद एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की जान को हिंदू आतंकवादियों से खतरा संबंधी बयान से उठा बवाल अभी भी ठंडा नहीं हुआ है। करकरे की पत्नी कविता करकरे ने दिग्विजय सिंह के 26/11 को हुए हमले और उनके पति की मौत के संबंध में दिए बयानों की जांच करने की मांग की है। शिव सेना के मुखपत्र सामना में भी दिग्विजय सिंह की कड़ी आलोचना की गई है और कहा गया है कि बिहार चुनाव में करारी पराजय के बाद कांग्रेस के नेता अब अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं।
सिंह ने दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा था कि एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने 26/11 के हमले के कुछ ही समय पहले उनसे फोन पर कहा था कि उनकी जान को मालेगांव ब्लास्ट की जांच से नाराज तत्वों से खतरा है। एटीएस ने मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में कथित हिंदू आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।

कविता करकरे ने शनिवार को दिग्विजय सिंह के बयान की प्रतिक्रिया में कहा था कि ऐसा बयान देकर वे पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। कविता करकरे ने अब कहा है कि सिंह के बयानों की जांच होना चाहिए। दिग्विजय सिंह की उनके पति की मौत के संबंध में की गई टिप्पणी से मुंबई आतंकवादी हमलों के बारे में गलत धारणा बन सकती है। उन्होंने कहा कि वे इससे भी सहमत नहीं है कि 26/11 के हमलों में हिंदू संगठनों का हाथ था। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयानों की जांच होना चाहिए। कविता करकरे ने कहा कि वे मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाना चाहतीं।

सामना ने तीखी भाषा में दिग्विजय सिंह के बयानों की निंदा की है। सामना में ‘चाणक्यों को मिर्गी’ शीर्षक से छपे संपादकीय में दावा किया गया है कि बिहार चुनाव में करारी पराजय के बाद कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। अखबार के अनुसार बिहार चुनाव में करारी पराजय और फिर स्पेक्ट्रम घोटाले से घबराए हुए कांग्रेसी नेता बिना आधार के बयान दे रहे हैं। संपादकीय में फिर एक बार अफजल गुरु को फांसी का मामला उठाते हुए पूछा है कि क्या कारण है कि गृह मंत्रालय में उसे फांसी की फाइल खिसक नहीं रही है।

संपादकीय में लिखा है कि दिग्विजय सिंह के बयान के बाद ही कसान ने अदालत में दावा किया कि हेमंत करकरे को उन लोगों ने नहीं मारा। अखबार ने कहा कि करकरे के साथ अशोक कामटे, विजय सालस्कर, तुकाराम ओंबले भी शहीद हुए लेकिन सिंह ने कभी इनके परिजनों का हाल-चाल नहीं पूछा। वे बाटला हाउस के आरोपियों के संबंधियों से मिलने आजमगढ़ जरूर गए।

दिग्विजय सिंह का हमला जारी

इधर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने फिर एक बार बीजेपी नेतृत्व पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, रविशंकर प्रसाद और राजनाथ सिंह पहले यह बताएं कि उन्होंने हेमंत करकरे को देशद्रोही क्यों कहा था। सिंह ने कहा कि आडवाणी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों - प्रज्ञा ठाकुर और दयानंद पांडे के समर्थन में मिलने क्यों गया। लेकिन बीजेपी ने फिर सिंह के आरोप का खंडन किया है।

बीजेपी नेता चंदन मित्रा ने कहा कि सिंह की याददाश्त के साथ कुछ समस्या है। पहले उन्होंने कहा कि मुंबई हमलों के पहले करकरे ने उन्हें फोन किया, फिर कहा कि उन्होंने करकरे को फोन किया था। फिर वे कह रहे हैं कि बीजेपी नेताओं ने करकरे को देशद्रोही कहा था। जबकि कभी भी किसी बीजेपी नेता ने ऐसा बयान नहीं दिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें