vinod upadhyay

vinod upadhyay

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

...तो बिजली मिलेगी १० रुपए यूनिट

विद्युत मंडल कर्मियों की पेंशन के लिए बनने वाले पेंशन फंड का गठन न होने से हर बिजली अधिकारी- कर्मचारी परेशान है। पेंशन फंड से वर्ष २००५ तक सेवानिवृत्त हुए कर्मियों की पेंशन का भुगतान किया जाना है। इसके बाद में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मियों के पेंशन की जवाबदारी कंपनियों को दी गई है। जानकारी के अनुसार चालू पेंशन दायित्वों का भुगतान करने के लिए अभी ३५० करो़ड़ रुपए प्रतिवर्ष चाहिए। यदि पेंशन का ये दायित्व टैरिफ में जु़ड़ता है तो इससे सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल प्रभावित होंगे। पिछले वर्ष जहां वितरण कंपनियों ने ३० प्रतिशत टैरिफ हाईक चाही थी तो वे इस वर्ष पेंशन व अन्य दायित्वों को पूरा करने के लिए ४० से ४५ प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की मांग कर सकती हैं। जानकारों के अनुसार वर्तमान में सभी कर और उपकर मिलाकर बिजली एक आम आदमी को लगभग ६ रुपए प्रति यूनिट प़ड़ रही है, कंपनियों की मांग पूरी किए जाने पर बिजली की दरें दस रुपए प्रति यूनिट तक जा सकती है।

पारेषण कंपनी को मिले अधिकार

जानकारों का कहना है कि आम उपभोक्ताओं से सीधे तौर पर पेंशन की राशि लिए जाने की बजाए पारेषण कंपनी को पेंशन के लिए फंड एकत्र करने की जवाबदारी दी जाए। वर्तमान में पारेषण कंपनी लगभग ३५,००० मिलियन यूनिट बिजली वितरण कंपनियों को बेच रही है। हानियां घटाकर यदि ये कंपनी ३५० करो़ड़ पेंशन के लिए देती है तो प्रति यूनिट पर लगभग ३.१५ पैसा आएगा। इसका भुगतान वितरण कंपनियां, पारेषण कंपनी को आसानी से कर सकेंगी।

राजस्थान में हो रहा

जानकारों के मुताबिक राजस्थान में पारेषण कंपनी पेंशन के लिए वितरण कंपनियों से ३.४४ पैसा प्रति यूनिट वसूल रही है। यदि राजस्थान मॉडल लागू हो तो ये कर्मियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए बेहतर होगा।

केवल आदेश देना है

विद्युत मंडल सचिव आरएन मिश्रा का कहना है कि वर्तमान में पारेषण कंपनी ही पेंशन राशि के लिए वसूली कर रही है। नियामक आयोग ने अनुमति न देकर मामले को तूल दिया है यदि राज्य शासन धारा १०८ का उपयोग करती है तो वर्तमान व्यवस्था चलती रहेगी। उनके अनुसार यदि पेंशन ट्रस्ट के लिए अलग से राशि जुटाने की अनुमति टैरिफ में दी जाती है तो उसका भार जरूर उपभोक्ताओं पर प़ड़ेगा।

किसानों ने ली ६ लाख टीसी
प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों ने लगभग ६ लाख अस्थाई कनेक्शन(टीसी) लिए। इससे विद्युत वितरण कंपनियों को २२३ करो़ड़ ५० लाख रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई। अस्थाई कनेक्शनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में ४५ हजार से ज्यादा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नवंबर माह तक दो लाख से ज्यादा टीसी दी गईं, इससे कंपनी को ४९ करो़ड़ रुपये से ज्यादा राजस्व मिला। मध्य क्षेत्र कंपनी ने ९६ हजार टीसी देकर ४५ करो़ड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया। पश्चिम क्षेत्र कंपनी ने लगभग तीन लाख अस्थाई कनेक्शन देकर लगभग १२९ करो़ड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया।
बैतूल में २४ घंटे बिजली
बैतूल जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां वितरण हानियां कम होने के कारण उसे २४ घंटे बिजली दी जाएगी। ये निर्णय मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपनी समीक्षा बैठक में लिया। कंपनी के सीएमडी ने ऐसे सभी क्षेत्रों में बिजली कटौती कम करने कहा है, जहां बिजली वितरण हानियों में गिरावट आई है।जबलपुर (नप्र)। राज्य शासन ने यदि विद्युत नियामक आयोग को पेंशन दायित्व टैरिफ में समाहित किये जाने का निर्देश दिया तो बिजली आम आदमी की कमर तो़ड़ देगी। जानकारों की मानें तो अगले टैरिफ में बिजली दरें १० रुपए प्रति यूनिट पर पहुंच जाएंगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें