vinod upadhyay

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शनिवार, 11 दिसंबर 2010

कांग्रेस ने की धर्म आधारित राजनीति

वाशिंगटन। विकिलीक्स पर जारी एक अमेरिकी गोपनीय दस्तावेज में अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री ए. आर. अंतुले के विवादास्पद बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुंबई हमले के बाद कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग धर्म आधारित राजनीति करते नजर आया था।

यह दस्तावेज 23 दिसंबर, 2008 को नई दिल्ली में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने अपने देश के विदेश विभाग को भेजा था। इस दस्तावेज में मलफोर्ड ने कहा कि अंतुले के बयान से खुद को अलग करने के दो दिन बाद ही कांग्रेस ने एक विवादास्पद बयान जारी किया, जिससे साजिश के बारे में संदेह को बल मिला। उस समय अंतुले के पूरी तरह से बेबुनियाद दावों को भारतीय मुस्लिम समाज से भी समर्थन मिला।

मलफोर्ड ने लिखा कि लगता है कि आगामी चुनावों में लाभ उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अंतुले के बयान को खारिज करने के अपने रुख से पल्ला झाड़ लिया और खुद इस साजिश को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए। विकिलीक्स पर जारी दस्तावेज के मुताबिक अमेरिकी राजदूत ने कहा कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम की ओर से अंतुले की टिप्पणियों को खारिज कर दिए जाने के बावजूद भारतीय मुसलमानों की यह राय बनी रहेगी कि वे सुरक्षा एजेंसियों के जरिए निशाना बनाए जा रहे हैं।

मलफोर्ड ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से यह पता चला है कि अगर कांग्रेस को लगे कि जाति और धर्म आधारित राजनीति उसके हित में हैं तो वह पूरी तैयारी के साथ इस ओर झुक जाएगी।

विकिलीक्स का दावा है कि उसके ओर से जारी किए गए लगभग ढाई लाख दस्तावेजों में तकरीबन 1300 दस्तावेज नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के हैं। इस दस्तावेज में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से पहले कहा गया था कि हेमंत करकरे सहित मुंबई पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों का मारा जाना एक इत्तेफाक है। अंतुले की टिप्पणियों के संदर्भ में दिया गया यह बयान सही था। परंतु मुस्लिम समुदाय में अंतुले के दावों को समर्थन मिलता देख कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं को इसका फायदा उठाने की सूझ गई।

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में उत्साहजनक जीत मिलने के बावजूद कांग्रेस ने मुंबई हमले की साजिश पर संदेह खड़ा करके एक स्वार्थी सियासी समीकरण की ओर कदम बढ़ाया। इस दस्तावेज में कहा गया है कि अंतुले ने 17 दिसंबर, 2008 को दिए गए अपने बयान से एक राजनीतिक विवाद खड़ा किया। अंतुले ने कहा था कि आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख करकरे की हत्या मालेगांव विस्फोट की जांच से जुड़ी लगती है। उल्लेखनीय है कि मालेगांव विस्फोट मामले में कुछ कट्टरपंथी हिंदू संगठनों पर संदेह है।

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