KHABARNAMA
vinod upadhyay
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
मप्र में अब दोगुनी तेजी से होगा विकास
-शिव 'राजÓ के रोडमैप को मिला मोदी का साथ
- शिवराज ने पीएम को प्रदेश सरकार के कार्यों की जानकारी दी
इंट्रो...
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विकास का जो रोडमैप तैयार किया है उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दे दी है। गतदिनों मुख्यमंत्री नई दिल्ली में जब प्रधानमंत्री से मिले तो उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए तैयार किए गए प्रस्तावों का पे्रजेंटेशन दिया। उसके बाद मोदी ने मप्र के विकास में भरपूर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
भोपाल। वर्ष 2018 के उतराद्र्ध से लेकर मार्च 2020 तक की अवधि को छोड़ दिया जाए तो मप्र पिछले 17 साल से विकास के स्वर्णीम दौर से गुजर रहा है। इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है। उन्होंने अपनी जिद और जुनून से आज प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ला खड़ा किया है। अपनी चौथी पारी में तो शिवराज की कुछ कर गुजरने की ललक इस कदर देखी जा रही है कि वे एक ही दिन में प्रदेश का एक-एक कोना छान लेते हैं। जिसका परिणाम है कि आज मप्र देश के लिए विकास का मॉडल बना हुआ है। शायद यही वजह है की प्रधानमंत्री भी समय-समय पर मप्र के विकास कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं।
23 अप्रैल को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मप्र के विकास पर मंथन किया। इस दौरान शिवराज ने मप्र के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री ने पीएम को बताया कि मप्र में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि, कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से गेहूं के निर्यात को लेकर भी चर्चा की। सीएम ने दावा किया है कि प्रदेश में इस बार हम 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और निर्यात करेंगे।
केंद्र की योजनाओं पर अमल में मप्र अग्रणी
गौरतलब है कि मप्र अपनी विकास योजनाओं के साथ ही केंद्र की योजनाओं पर अमल में देश में अग्रणी है। यही कारण है कि देर से ही सही मप्र अपने गठन के समय बूझी गई संभावनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। खासतौर से पिछले डेढ़ दशक का अरसा इस बात का गवाह रहा है, कि मप्र विकास के पथ पर अब आगे ही आगे है। सुविचारित सोच, सुचिंतित नीतियों, फैसलों और प्रेरणादायी नेतृत्व ने सरकार की नीति और नीयत के फर्क को मिटाकर सच्चे अर्थों में प्रदेश के विकास और लोगों की बेहतरी के कामों की तस्वीर में नए रंग भर दिये हैं। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में न केवल अपनी बल्कि भारत सरकार की भी लोक कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने में अग्रणी बनकर उभरा है। मप्र की इन्हीं उपलब्धियों को देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मप्र को भारत की अर्थ-व्यवस्था की ड्रायविंग फोर्स बनने की पूरी क्षमता वाला बताया है।
गौरतलब है स्वामित्व योजना में आबादी क्षेत्र के भू-अभिलेख तैयार कर ग्रामीणों को भूमि-स्वामी हक प्रदान करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है। इसी साल 06 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के 19 जिलों के 3 हजार ग्रामों के 1 लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख वितरित किए। प्रदेश में अब तक 3 हजार 800 से अधिक गाँवों में 2 लाख 71 हजार अधिकार अभिलेख वितरित किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान में 64.1 स्कोर के साथ मध्यप्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। आयुष्मान भारत योजना योजना के कार्ड जनरेशन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। जल जीवन मिशन एक करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार वाले राज्यों में मिशन की इस साल की भौतिक प्रगति में मध्यप्रदेश का, देश में चौथा स्थान है। कृषि अधोसंरचना निधि के उपयोग में मध्यप्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। अब तक 805 करोड़ रूपए से अधिक की ऋण राशि प्रदेश में हितग्राहियों को कृषि अधोसंरचा के विकास के लिये प्रदाय जारी कर दी गई है। भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश ने एक पायदान की छलांग लगाकर देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के तहत पथ-विक्रेताओं को शत-प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण देकर मध्यप्रदेश देश में अव्वल है। मनरेगा में जरूरतमंद लोगों को मनरेगा में रोजगार दिलाकर मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी रहा है। स्व-सहायता समूहों का सशक्तीकरण के तहत स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण स्वीकृत कराकर देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों की लम्बाई की उपलब्धि में मध्यप्रदेश, पिछले 3 वर्षों से देश के उच्चतम 7 राज्यों की सूची में शामिल है। साथ ही सड़कों की गुणवत्ता में भी प्रदेश, पिछले 3 वर्षों से देश में प्रथम है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में आवास पूर्णता के प्रतिशत के आधार पर प्रदेश, देश में दूसरे और आवासों की संख्या के आधार पर तीसरे स्थान पर है। ट्रान्सजेण्डरों को पहचान-पत्र जारी करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है। दिव्यांगजन पहचान-पत्र बनाकर जारी कर देश में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। सौर ऊर्जा में मध्यप्रदेश अग्रणी है। कौशल विकास के तहत आईटीआई ग्रेडिंग में मध्यप्रदेश, पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश को देश में चौथी रैंकिंग प्रदान की गई है।
केंद्र-राज्य मिलकर देंगे रोजगार
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चलाई जा रही रोजगार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोडऩे पर सरकार का फोकस है। प्रदेश में उद्यमी युवाओं को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी 2022 से हर महीने प्रदेशभर में रोजगार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अब तक (12 जनवरी,25 फरवरी,30 मार्च) कुल 3 रोजगार दिवस कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। इन रोजगार दिवसों में 13.6 लाख से अधिक लोगों को लगभग 7.7 हजार करोड़ की राशि का ऋण वितरण किया गया है। युवाओं के स्वरोजगार के लिए 5 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के 1815 युवाओं को 112 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। रोजगार दिवस में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री निधि योजना,मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विके्रता योजना, मुख्यमंत्री उद्धव क्रांति योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं से युवा लाभान्वित हो रहे हैं। सीएम ने कहा प्रदेश में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि, कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों का असर अब पूरी तरह दिखने लगा है। प्रदेश में औद्योगिक विकास, योजनाओं-परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सम्मेलनों के कारण बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है। इसका असर यह पड़ा है कि मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। जनवरी में 526000 व 16 फरवरी को 504000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को यानी बुधवार को 335000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा जारी किये गये बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की स्थिति देश में सबसे बेहतर बताई गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत रही। वहीं मप्र दूसरे स्थान पर है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। मप्र सरकार का दावा है कि नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 3 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।
स्टार्टअप पॉलिसी को लॉन्च करेंगे
मप्र में स्टार्टअप बड़ी तेजी से उभर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अपनी स्टार्टअप की पॉलिसी बनाई है। मुख्यमंत्री इस पॉलिसी को प्रधानमंत्री के हाथों लॉन्च करना चाहते हैं। मप्र में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन की जानकारी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दी। स्टार्ट-अप नीति को और समग्र, समेकित और प्रभावी बनाने के लिए एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना-2022 तैयार की गई है। स्टार्ट-अप्स और इनक्यूबेटर्स को निवेश सहायता, आयोजन सहायता, उन्नयन सहायता और लीज रेन्टल सहायता आदि का प्रावधान किया गया है। स्कूल और महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का प्रावधान भी नीति में है। प्रदेश में 1,900 से अधिक स्टार्टअप इंडिया से अधिमान्य स्टार्ट-अप अब तक स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश में न्यूनतम 1 स्टार्ट-अप को प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त हुआ। प्रदेश में 2022 में न्यूनतम 2 स्टार्ट-अप को यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप का दर्जा प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही योजनाओं से अवगत कराया। आयुष्मान भारत योजना में अब तक कुल 2 करोड़ 70 लाख कार्ड बनाए हैं। प्रदेश के 96 प्रतिशत पात्र परिवारों के पास कम-से-कम एक कार्ड उपलब्ध है। 2022 तक प्रदेश में कुल 11,107 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर विकसित करने का लक्ष्य है। 9,230 अर्थात् 83 प्रतिशत सेंटर क्रियाशील हो चुके हैं। पीएम स्वनिधि योजना में अब तक प्रथम चरण में 5 लाख 11 हजार पथ विक्रेताओं को 511 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। योजना के द्वितीय चरण में 42,581 पथ विक्रेताओं को 85 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री के कर कमलों से इन्दौर में एशिया के सबसे बड़े 550 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोबर-धन प्लांट का शुभारंभ हुआ है। इसी से प्रेरणा लेकर जबलपुर एवं भोपाल में भी गोबरधन प्लांट की स्थापना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिये आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।
योजनाओं से भी अवगत कराया
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही योजनाओं से भी अवगत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण की बात कही गई है, जिससे एक-एक बूंद पानी का संचय किया जा सके। प्रदेश में 52 जिलों में 75 संरचना के हिसाब से कुल 3825 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में अब तक लगभग 2100 करोड़ रुपए की लागत के 5534 अमृत सरोवर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस पहल से अब तक प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपए का मजदूरी के रूप में भुगतान किया जा चुका है। योजना अंतर्गत अब तक कुल 2 करोड़ 70 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। मप्र के 96 प्रतिशत पात्र परिवारों के पास कम-से-कम एक कार्ड उपलब्ध है। प्रदेश में कुल 11,107 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दिसंबर, 2022 तक डेवलप करने का टारगेट। अब तक प्रदेश में 9,230 सेंटर चालू हो चुके हैं। योजना के पहले चरण में 5 लाख 11 हजार पथ विक्रेताओं को 511 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के दूसरे चरण में 42,581 पथ विक्रेताओं को 85 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के क्रियान्वयन में मप्र, देश में पहले स्थान पर है।
प्रधानमंत्री के हाथों इंदौर में एशिया के सबसे बड़े 550 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोबर-धन प्लांट का शुभारंभ हुआ है। जबलपुर एवं भोपाल में भी गोबरधन प्लांट लगाने की तैयारियां पूरी एग्रीकल्चर कृषि अवसंरचना निधि के प्रयोग में मप्र. देश में पहले स्थान पर है। कृषि अधोसंरचना कार्यों के लिए लगभग 1 हजार 200 करोड़ का ऋण दिया जा चुका है। केंद्र सरकार की योजनाओं के स्टेटस की जानकारी दी योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी है। अब तक 6100 ग्रामों के 06 लाख 75 हजार भू - अभिलेखों का रिकॉर्ड सिस्टमेटिक रूप से तैयार किया गया है। दिसम्बर , 2023 तक परियोजना का 100 फीसदी पूरी करने का टारगेट है। 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के शुरू होने के बाद अब तक 30.57 लाख आवास स्वीकृत एवं 24.46 लाख आवास बनाए गए। आवास बनाने के मामले में एक साल में ही मप्र देश में पांचवे स्थान से आगे बढ़कर तीसरे स्थान पर पहुंचा। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 50 करोड़ रुपए किश्त के रूप में हितग्राहियों के खातों में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। 2 साल में 8 लाख 40 हजार से अधिक आवास बनाए गए। 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ रुपए का बजट है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत प्रदेश के लिए अब तक 9 लाख आवास स्वीकृत हुए। इनमें से 4 लाख 81 हजार आवासों का निर्माण पूरा हो गया है। प्रतिमाह औसतन 20 से 25 हजार आवास तैयार करने के लक्ष्य के साथ सितम्बर , 2023 तक बाकी आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और होगा एक्सपोर्ट
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि 1000 रुपए में स्टेट लेवल सिंगल गेहूं एक्सपोटर्स का लाइसेंस 2022-23 में गेहूं निर्यातकों को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति की योजना लागू गई है। गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने निर्यातकों को मात्र 1000 रुपए में प्रदेश स्तरीय एकल लाइसेंस मिलेगा। अब तक 358 निर्यातकों द्वारा पोर्टल पर पंजीयन कराया गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं के निर्यात में 8-10 गुना वृद्धि हुई है। इस साल प्रदेश से गुजरात, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र की बंदरगाहों से लगे रेलवे रेक पॉइंट्स पर भेजी जा रही। गेहूं की रेक संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले 1 माह में प्रदेश से 87 रेक के माध्यम से लगभग 2.4 लाख टन गेहूं बंदरगाहों तक भेजा जा चुका है। कृषि निर्यात प्रकोष्ठ में निर्यातकों की सहायता हेतु एक्सपोर्ट हेल्पलाइन नंबर 18002333474 जारी किया। 11 अप्रैल 2022 को इजिप्ट के प्रतिनिधिमंडल के इंदौर दौरे के बाद कृषि निर्यात प्रकोष्ठ के अधिकारी लगातार इजिप्ट के आयातकों के संपर्क में हैं। केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर इजिप्ट को गेहूं निर्यात करने के लिए कांडला और मुंदरा पोर्ट से गेहूं के जहाजों का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
सीएम ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल पात्र परिवार- 1 करोड़ 17 लाख हैं। कुल पात्र हितग्राही 5 करोड़ हैं। प्रत्येक माह की 07 तारीख को प्रदेशव्यापी अन्न उत्सव का आयोजन किया जाता है । प्रदेश के 1 करोड़ 17 लाख परिवारों के 5 करोड़ हितग्राहियों को कोरोना की पहली लहर के दौरान अप्रैल-नवम्बर , 2020 तक 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 18 लाख 66 हजार मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न बांटा गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई , 2021 से मार्च 2022 तक 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 24 लाख 87 हजार मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न दिया गया है। अप्रैल , 2022 से सितम्बर , 2022 तक 6 माह में 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 15 लाख मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न दिए जाने का लक्ष्य है। वहीं मप्र में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने का निर्णय लिया है। वन ग्रामों के राजस्व ग्राम बनने से उनमें निवासरत ग्रामीणों को वो सभी लाभ प्राप्त होंगे जो मूल राजस्व ग्रामों के व्यक्तियों को मिलते हैं। वनग्रामों के राजस्व ग्राम बन जाने से भूमि धारकों को खाता किश्तबंदी, खसरा-नक्शा प्राप्त होंगे। इससे भूमि को लेकर विवाद नहीं होंगे। व्यवस्थित भू-अभिलेख उपलब्ध होगा। इसकी नकल प्राप्त की जा सकेगी। फौती, नांमातरण, बंटवारा आदि कार्य हो सकेंगे। सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, खाद, बीज एवं उर्वरक हेतु ऋण इत्यादि का लाभ मिल सकेगा।
तेजी से बढ़ रही है विकास दर
मुख्यमंत्री ने पीएम को जानकारी दी की मध्यप्रदेश साल 2021-22 में प्रचलित दरों पर 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में राज्य के योगदान का 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। राज्य की प्रतिव्यक्ति आय बढ़कर 1 लाख 24 हज़ार रुपए प्रति वर्ष से भी अधिक हो गई है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद अब बढ़कर 11 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो कि प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय बढ़कर 31 हजार 586 करोड़ और वर्ष 2021-22 में हमारा पूंजीगत व्यय 40 हजार 415 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। 2022-23 के बजट में सरकार ने पूंजीगत मद में 48 हजार 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है , जो कि राज्य के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। 2007 से वर्ष 2020 तक लगभग 14 सालों में मध्यप्रदेश का कुल निर्यात 2.9 बिलियन डॉलर से ब?कर 6.4 बिलियन डॉलर हो गया है। निर्यात में वृद्धि उस समय संपूर्ण भारत की औसत निर्यात वृद्धि से लगभग 5 गुना है। मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में स्वसहायता समूहों का योगदान 4 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपए हो गया है। केंद्र सरकार की विशेष पूंजीगत सहायता योजना अंतर्गत रुपए 6280 करोड़ का ब्याज रहित ऋण प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा एनपीसीआई के साथ विशेषज्ञ परामर्श कर प्रदेश में ई-रूपी का उपयोग सुनियोजित रूप से प्रारंभ किया गया है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ई-रूपी लागू किया गया। सरकारी योजना में कृषि उपकरण क्रय हेतु ई-रूपी का इस्तेमाल किया जाएगा। 404 नगरीय निकायों ने गौरव दिवस की रूपरेखा तैयार की प्रदेश के 48,014 ग्रामों में ग्राम सभाओं के आयोजन के बाद ग्राम स्तरीय गौरव दिवस की डेट फाइनल की गई है। ग्राम गौरव दिवस के आयोजन के उदाहरण: बकलाय (खरगोन), साजपानी (सिवनी), बिलगांव (मुरैना), सुमावली (मुरैना), बागसी (भोपाल), उकावदकला (गुना), ब?वारा (कटनी), दुपाड़ा (शाजापुर)। किशनग? (छतरपुर), खुलरी (नरसिंहपुर)। नगर गौरव दिवस के आयोजन के कुछ उदाहरण- बुधनी, नसरुल्लागंज, गोहद, भावरा, जोबट, खेतिया, सेंधवा, धार, मनावर, पीथमपुर शामिल हैं। प्रदेश में जल जीवन मिशन का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 30 हजार 600 करोड़ रुपये से अधिक की नल जल योजनाएं मंजूर की। 2 वर्षों में 6000 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर प्रदेश के 40 प्रतिशत घरों तक नलों से पानी पहुंचाया गया। प्रदेश के 4270 से अधिक गांवों में 100 फीसदी घरों में नलों से जल पहुंच चुका है। मिशन अंतर्गत 48 लाख 75 हजार से अधिक घरों में नल कनेक्शन किया जा चुका है। प्रदेश का बुरहानपुर जिला 100त्न कवरेज वाला जिला बना है।
कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़
मुख्यमंत्री ने पीएम को बताया कि मप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश मॉड्यूल के 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश एवं असार-उल-इस्लाम की विचारधारा से प्रेरित थे। सभी आरोपी आपस में बात करने के लिए डार्क नेट पर उपलब्ध विभिन्न सिक्योर चैट सर्विसिस का इस्तेमाल करते थे। तथा प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग टेलीग्राम आईडी बनाकर विभिन्न टेलीग्राम चैनल पर सिक्योर एप के माध्यम से जेहादी साहित्य, वीडियो, फोटो डाउनलोड कर आपस में शेयर करते थे। आरोपियों से जब्त लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और सिम कार्ड में 4 टीबी का डाटा मिला है। साथ ही बम बनाने सहित विभिन्न आतंकी संगठनों के भारी मात्रा में वीडियो, ऑडियो और जेहादी साहित्य प्राप्त हुए हैं। बाबरी मस्जिद विध्वंस, सीएए, एनआरसी को लेकर केन्द्रीय नेताओं के वीडियो एवं विभिन्न प्रकार के जेहादी दस्तावेज मिले हैं। आरोपियों द्वारा भोपाल के अलावा इंदौर, सूरत, मुंबई, औरंगाबाद के मदरसों में भी विजिट कर जिहाद की दावत देने का काम किया जा रहा था। इस जेहादी दावत के प्रभाव में आने वाले लोगों की पहचान करने के लिए शहडोल, पीथमपुर, विदिशा, उत्तरप्रदेश के सहारनपुर, देवबंद एवं गुजरात के सूरत एवं अहमदाबाद में एटीएस टीम ने जरूरी पूछताछ और दस्तावेज के सत्यापन की कार्रवाई की।
हर वर्ग को साधो...सत्ता होगी साथ
- मिशन 2023 के लिए शिव-वीडी को शाह का मंत्र
संघ और भाजपा की प्रयोग भूमि मप्र पार्टी के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मिशन 2023 के लिए अभी से बिगुल फूंक दिया गया है। भाजपा की राजनीति के चाणक्य और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने जंबूरी मैदान से चुनावी शंखनाद के साथ ही प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित दिग्गजों को चुनावी मंत्र दिया है कि हर वर्ग को साधो तो सत्ता भाजपा के साथ बनी रहेगी। शाह के मंत्र पर सत्ता और संगठन ने अमल करने की प्लानिंग शुरू कर दी है।
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सानिध्य में आज मप्र भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ बना हुआ है। सत्ता और संगठन के समन्वय से विपक्ष पूरी तरह पस्त नजर आ रहा है। इसके बावजूद केंद्रीय नेतृत्व और संघ इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि 2023 में भाजपा 230 में से 200 सीटें जीतकर इतिहास रचे। इसके लिए जहां संघ मैदानी तैयारी में जुटा हुआ है, वहीं 22 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल का दौरा कर सत्ता और संगठन को जीत का मंत्र दिया। शाह के इस दौरे के बाद भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर दिख रहा है।
गौरतलब है कि अपनी एक दिनी यात्रा के दौरान जहां शाह ने मप्र को कई सौगातें दीं, वहीं आदिवासी समुदाय को कई सहूलियतें। इसके साथ ही भाजपा कार्यालय में पार्टी के रणनीतिकारों के साथ करीब दो घंटे तक चुनावी रणनीति पर मंथन किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक रहे दलित, आदिवासियों में भाजपा की पैठ लगातार मजबूत करने के लिए शिवराज और वीडी शर्मा की सराहना की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय समेत राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई पदाधिकारियों को अपनी साख के अनुसार काम करने का मंत्र दिया। उन्होंने सत्ता-संगठन के तालमेल की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि आज मप्र देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनकर उभरा है। इसे बरकरार रखना सत्ता और संगठन दोनों की जिम्मेदारी है। इसलिए इस पर और अधिक गौर करने की जरूरत है।
आंदोलन की आंच में तप कर निकली है भाजपा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों, पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं, प्रदेश पदाधिकारियों एवं प्रदेश के मंत्रियों से कहा कि कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा के आधार पर नहीं बल्कि एक अंग्रेज अफसर ने एक क्लब के रूप में की थी। जबकि भाजपा 50 के दशक से ही एक विचारधारा पर काम कर रही है। इतने साल बीतने के बाद भी हमारे मूल सिद्धांत, हमारी कार्यपद्धति और संस्कृति वही है, जिन्हें डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे नेताओं ने रेखांकित किया है। हमारी केन्द्र और राज्य सरकारें गरीब कल्याण के विचार को जमीन पर उतारने का काम कर रही हैं और हमारा नेतृत्व बेदाग है, जिस पर हमें गर्व है। पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा और अन्य दलों के बीच के इस फर्क को समझना जरूरी है। शाह ने कहा कि देश के स्वतंत्र होते ही कांग्रेस सत्ता में बैठ गई थी। इस वजह से कांग्रेस का आंदोलनों से नाता नहीं रहा। दूसरी तरफ भाजपा राष्ट्र और राष्ट्रवादी विचारधारा को लेकर किए गए आंदोलनों की आंच से तपकर निखरी है। सबसे पहले गोवा की स्वतंत्रता, गौहत्या पर प्रतिबंध के लिए आंदोलन किया। 1975 में हम आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन में शामिल हुए। इसके बाद राम जन्मभूमि आंदोलन, तिरंगा यात्रा और ऐसे ही अनेक आंदोलन पार्टी ने किए हैं, जो हमारी विचारधारा से प्रेरित और उसी पर आधारित है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इन आंदोलनों का उद्देश्य पार्टी का विस्तार नहीं था बल्कि इन मुद्दों के प्रति जनता में चेतना लाना और कार्यकर्ताओं को इनसे जोडऩा ही पार्टी का लक्ष्य रहा है।
भाजपा कार्यालय में बैठक के दौरान शाह ने पार्टी नेताओं को उदाहरणों के साथ पार्टी की रीति, नीति और आगामी चुनाव की रणनीति समझाई। शाह ने कहा कि प्रत्येक पार्टी का चरित्र उसकी विचारधारा, कार्यक्रम और नेतृत्व से तय होता है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण हमारी विचारधारा के मूल हैं। हमारे जैसे नेता किसी पार्टी में नहीं है। यह बात हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे नेतृत्व पर कभी आरोप नहीं लगे और इसलिए हम एक अलग तरह की पार्टी है। शाह ने कहा कि हमारे नेता स्व. कुशाभाऊ ठाकरे ने संगठन की नींव रखी थी। उन्होंने मध्यप्रदेश में पार्टी संगठन द्वारा चलायी जा रही बूथ विस्तारक योजना की तारीफ करते हुए कहा कि स्व. ठाकरे के जन्म शताब्दी वर्ष पर मध्यप्रदेश में पार्टी संगठन ने बूथ सशक्तिकरण का जो काम हाथ में लिया है वह पूरी तरह सफल रहा है। प्रदेश नेतृत्व ने कार्यक्रमों की जो रूपरेखा बनायी है वह भी बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा कि बूथ सशक्तिकरण के लिए यह जरूरी है कि पार्टी कार्यकर्ता बूथ पर विचारपूर्वक काम करें। किस बूथ पर हम अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में है और वहां मजबूती के लिए क्या किया जाना चाहिए, कौन-से समीकरण उस बूथ को प्रभावित करते हैं, किस नेता या कार्यकर्ता को वहां भेजा जाना उचित होगा, इन सभी बातों पर विचार करते हुए योजना बनाएं। शाह ने कहा कि पार्टी को बूथ पर मजबूत बनाने के लिए हमें मजदूरी नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से परिश्रम करना है। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं से आह्वान किया कि सभी 10-10 बूथों की जिम्मेदारी अपने उपर लें।
अब कॉमन सिविल कोड की बारी
केंद्र सरकार देश में कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की तैयारी में है। भोपाल में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने इस पर सुगबुगाहट शुरू कर दी है। शाह ने कहा कि हमारी पार्टी की केंद्र सरकार ने धारा 370, राम जन्मभूमि, तीन तलाक और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे अधिकांश मुद्दों को हल कर दिया है। कॉमन सिविल कोड जैसे जो कुछ बचे हैं, उन्हें भी आने वाले वर्षों में हल कर दिया जाएगा। गृहमंत्री ने मध्य प्रदेश से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कहा कि कॉमन सिविल कोड का प्रयोग उत्तराखंड में किया जाएगा। वहां, इसे अमल में लाने के बाद हालात का जायजा लेंगे और फिर पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा। यह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले करने की कोशिश की जा रही है। शाह का यह कहना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि राम मंदिर, धारा 370 और कॉमन सिविल कोड भाजपा के तीन मुख्य मुद्दे रहे हैं। राम मंदिर बनाने और धारा 370 को हटाने के मुद्दे हल चुके हैं। ऐसे में कॉमन सिविल कोड ही एकमात्र ऐसा मुद्दा है, जो भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में लंबित है। इसे लागू करने का दबाव संघ भी बना रहा है।
गौरतलब है कि कॉमन सिविल कोड यानी सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून। इस समय भारत में शादी, तलाक, दत्तक और संपत्तियों के उत्तराधिकार को लेकर अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ लागू है। इसे एकरूपता देते हुए सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात यह कोड करता है। संविधान में भी इसे लागू करने की बात कही गई है। हालांकि, अलग-अलग धर्मों के विरोध के चलते राजनीतिक पार्टियां इस पर कुछ करने से बचती रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कई मामलों में देश में कॉमन सिविल कोड की जरूरत बता चुका है।
चुनाव से पहले बूस्टर डोज
शाह ने प्रदेश सरकार की प्रशंसा की कि यहां पर शांति और समन्वय का माहौल है। उन्होंने कहा कि मप्र में अनुकूल माहौल है। यह संगठन के गढ़ जैसा है। यहां संभलकर काम करें। यदि मप्र बिगड़ेगा तो पूरे देश में असर जाएगा। उन्होंने यहां के नेताओं का बताया कि दिल्ली में लापरवाही हुई, इस कारण दिल्ली में स्थिति बिगड़ गई है। अत: अब मप्र में संभलकर काम करें। शाह ने कहा कि कार्यकर्ता अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, लेकिन कमजोर व हारे बूथ अब बड़े नेता संभालें। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सह-प्रभारी पंकजा मुंडे, समेत कुछ बड़े नेताओं से अलग से मंथन किया। शाह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा कि भाजपा में नेता-कार्यकर्ता एक समान हैं। सरकार कितना भी अच्छा काम करे, अच्छे संगठन के बिना चुनाव नहीं जीता जा सकता। संगठन से ही सरकार है। नेता छोटा हो या बडा, सभी को बूथ पर जाना होगा। अध्यक्ष भले ही उम्र में छोटा हो, पर अध्यक्ष होता है। उन्होंने किस्सा सुनाते हुए कहा कि मैं जब अध्यक्ष था, तब ओडिशा में पंचायत चुनाव पर काम किया। लोग हंसते थे, क्योंकि सभी सीनियर थे। बाद में काम का असर दिखा। शाह ने आगे कहा, पिछली बार जबलपुर आया था तो बूथ विस्तार के लिए कहा था। इसमें अच्छा काम हुआ है। अब और भी गहराई से काम करने की जरूरत है। हर बूथ तक पकड़ होनी चाहिए।
भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल यात्रा के दौरान चुनाव से पहले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलकर मिशन 2023 को साधने का बूस्टर डोज दे दिया है। अघोषित तौर पर भाजपा ने मिशन 2023 का आगाज कर दिया है। अमित शाह का दौरा सियासी मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है। केंद्रीय गृहमंत्री ऐसे समय में भोपाल आए जब प्रदेश में चुनावों का सिलसिला शुरू होने वाला है। पंचायत, नगरीय निकाय और विधानसभा चुनाव सब होना हैं। भाजपा इलेक्शन मोड पर आ चुकी है इसलिए पार्टी की तैयारियों से लेकर बड़े वोट बैंक को साधने के लिए अमित शाह का यह दौरा रखा गया था। इस दौरे से भाजपाईयों को जोश का बूस्टर डोज मिला है। बैठक में शाह ने गोपाल भार्गव का उदाहरण देते हुए कहा- गोपालजी बड़े नेता हैं, उनका प्रभाव भी है, लेकिन ट्राइबल एरिया में उनकी पकड़ बहुत मजबूत नहीं हो सकती। लिहाजा उसी समुदाय के बीच से क्षेत्रीय नेतृत्व को ऊपर लाएं। इस दौरान उन्होंने टीम वीडी शर्मा को नसीहत भी दी। बूथ विस्तार का मतलब यह होना चाहिए कि आपने कितने नए चेहरे पार्टी में शामिल कराए?
भाजपा नेतृत्व शिवराज सरकार से खुश!
अमित शाह ने भोपाल दौरे के दौरान जहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कामों की तारीफ की। वहीं संगठन और पार्टी के नेताओं के साथ बैठक भी की। इस दौरान अमित शाह ने संगठन को आने वाले चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा। शाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की और कहा कि जिस तरह से सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को लागू कर रही है, वह काबिले तारीफ है। अमित शाह ने जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि, मुख्यमंत्री शिवराज जी आदिवासियों को समृद्ध बना रहे हैं। जब तक जनजातिय भाइयों-बहनों का कल्याण नहीं होता तब तक प्रदेश का कल्याण नहीं होता। पहली बार देश में कोई राज्य सरकार जंगलों के मालिक जनजातिय भाइयों को बनाने का काम कर रही है। पहली बार जंगल से जो भी कमाई होती है, इसका 20 प्रतिशत हिस्सा वन समिति के हाथ में सौंपकर आपको इसका सीधा मालिक बनाने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जो विचारधारा है कि गरीब से गरीब को अधिकार मिले, उस स्वप्न को शिवराज जी साकार करने का काम कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह के भोपाल दौरे से पहले माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में भाजपा कोई बड़ा कदम उठाने वाली है। भाजपा दफ्तर में हुई सत्ता और संगठन की संयुक्त बैठक में शाह ने जिस तरह से अपना संदेश दिया, उसने यह तय है कि अगला चुनाव शिवराज के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। शाह ने कहा- शिवराजजी प्रदेश के सर्वमान्य नेता हैं, संगठन को पूरी ताकत से उनके साथ खड़ा होना चाहिए। सरकार के फैसलों को अंतिम छोर तक पहुंचाना संगठन का काम है। उत्तराखंड, कर्नाटक और फिर गुजरात में मुख्यमंत्री बदलकर भाजपा ने अपने नेताओं को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर वे नॉन परफॉर्मर रहे तो उन्हें जाना पड़ेगा। मप्र में शिवराज सिंह चौहान भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं और लगभग डेढ़ दशक से अधिक समय से मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो परफार्मेंस के आधार पर शिवराज अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तुलना में सेफ जोन में दिखाई देते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जंबूरी मैदान से अपने संबोधन में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा- जबलपुर में हुए सम्मेलन के दौरान हमने 17 घोषणाएं की थीं। मैंने शिवराजजी से कहा था जनता इनका हिसाब मांगेगी। आज मैंने हेलिकॉप्टर में शिवराजजी से रिपोर्ट ली। मुझे खुशी है सभी 17 पर काम शुरू हो चुका है। शिवराजजी ने मप्र को बीमारू राज्य के ठप्पे से बाहर निकालकर विकसित राज्य बना दिया है। एमपी में आदिवासियों के लिए जो कदम उठाए गए वो दूसरे प्रदेश में अनुकरणीय हैं। मैं शिवराजजी की टीम को बधाई देता हूं।
22 फीसदी वोट बैंक को साधा
अपनी यात्रा के दौरान अमित शाह शिवराज सिंह चौहान के साथ मिलकर 22 फीसदी वोट बैंक को साध गए। शाह ने जम्बूरी मैदान में वन समितियों के सम्मेलन में आदिवासियों को बड़ी सौगात दी। शाह ने वन समिति को लाभांश की राशि वितरित की। हरदा की वन समिति को 5 करोड़ दिए गए। वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का शुभारंभ किया। प्रदेश के 26 जिलों के 827 गांव अब राजस्व ग्राम होंगे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब सरकार बनी थी तब मोदी जी ने कहा था ये गरीबों की सरकार है। भाजपा की तमाम राज्य सरकार गरीबों के लिए काम कर रही हैं। वहीं 68 करोड़ रुपए तेंदूपत्ता संग्राहक को सीधे खाते में भेजा गया है। हर गरीब को घर देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है। हर घर में नल से जल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज बहुत बड़ा बदलाव आया है। कोरोना की वैक्सीन देकर लोगों को सुरक्षित करने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। आयुषमान योजना से हर बीमारी से लडऩे की शक्ति दी है। 19.7 फीसदी विकास दर हमने हासिल की है। सकल घरेलू उत्पाद में मप्र ने 200 फीसदी वृद्धि की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए 250 रुपये प्रति 100 गड्डी के बजाय 300 रुपये प्रति 100 गड्डी दिए जाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 26 जिलों में स्थित 827 से ज्यादा वन ग्रामों के राजस्व ग्राम बनने से जमीनों के खाते बन सकेंगे, व्यवस्थित अभिलेख होगा। इसके साथ ही वन ग्रामों को अन्य ग्रामों की तरह नहीं मिलने वाले लाभ भी अब मिलने लगेंगे। शिवराज ने कहा कि हमने तय किया था पेसा एक्ट मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा। आज मुझे बताते हुए खुशी है कि आदिवासी भाई-बहनों की जिंदगी बदलने के लिए पेसा एक्ट लागू करने की प्रक्रिया मध्य प्रदेश में प्रारंभ हो गई है। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार दिया है। आपने प्रदेश में घने जंगल बढ़ाने का काम किया है। यह जल, जमीन, जंगल आपके है। अंग्रेजों ने ऐसे काले कानून बना दिए थे कि घुस नहीं सकते। पत्ता नहीं तोड़ सकते। जिंदगी दूभर कर दी थी। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार एक क्रांतिकारी कदम है। अब जंगल आप ही बचाएंगे। इसे बदलने की प्रक्रिया भी ग्रामसभा तय करेगी।
प्रदेश में आदिवासियों के तीसरे बड़े कार्यक्रम को भाजपा की 2023 के चुनाव की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है। मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीटें हैं। इसके अलावा सामान्य वर्ग की 31 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी वोटर निर्णायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत नहीं मिल सका था तो कहीं न कहीं उसका कारण आदिवासी सीटों पर होल्ड गंवाना था। रिजर्व 47 सीटों में 2013 में भाजपा के पास 32 सीटें थी, जो 2018 में घटकर 16 रह गई थीं। 2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में 43 आदिवासी समूह हैं। प्रदेश में आदिवासियों की आबादी 2 करोड़ से ज्यादा है, जो 230 में से 84 विधानसभा सीटों पर असर डालती है। इनमें सबसे ज्यादा आबादी भील-भिलाला करीब 60 लाख, तो गोंड जनजाति की आबादी करीब 50 लाख है। कोल 11 लाख, तो कोरकू और सहरिया करीब छह-छह लाख हैं। करीब 10 साल बाद ये आंकड़े काफी हद तक बदल चुके हैं।
निवेशकों से लेकर आधी आबादी तक फोकस
उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा मिशन 2023 की तैयारी में जी जान से जुट गई है। मुख्यमंत्री ने हर वर्ग को साधने का प्लान तैयार किया है। निवेशकों से लेकर आधी आबादी यानि महिलाओं तक पर उसका फोकस है। हर वर्ग तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। लगातार प्रदेश में बड़े प्रोग्राम हो रहे है। शिवराज सरकार का प्रदेश में निवेश बढ़ाने पर फोकस है। निवेशकों को मप्र में आकर्षित करने के लिए नियमों में संशोधन के लिए बड़ी बैठक हो रही हैं। शिवराज उद्योगपतियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। उनकी विदेश यात्रा से पहले बैठकों का दौर जारी है। निवेशकों को मप्र लाने का प्लान है। मई में सीएम शिवराज विदेश जाएंगे। शिवराज सरकार ने मिशन 2023 के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के बाद सरकार कन्या विवाह योजना पर फोकस कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज 21 अप्रैल को इसकी शुरुआत कर चुके हैं। इसमें हितग्राही बेटी को अब 55 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन होगा। ये उत्सव 11 मई तक मनाया जाएगा। इसमें मां तुझे प्रणाम योजना के तहत प्रदेश की 200 लड़कियां देश के सरहदी इलाकों की यात्रा करेंगी। हितग्राही लड़कियों को ड्राइविंग लायसेंस मिलेंगे। हेल्थ टेस्ट, टेबलेट्स वितरण, रंगोली और खेल गतिविधियां भी की जाएंगी।
मिशन 2023 के लिए हर वर्ग को साधने वाले प्लान पर प्रदेश भाजपा मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा विकास और सुशासन के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीब निम्न और मध्यम वर्ग तक पहुंचाया जा रहा है। चुनाव आते हैं जाते हैं लेकिन ये कल्याणकारी योजना जारी रहेंगी। यही हमारी सरकार का संकल्प है। मिशन 2023 के लिए हर वर्ग को साधने वाले भाजपा के प्लान पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा पहले भी कई इन्वेस्टर मीट हो चुकी हैं। लेकिन निवेशक जानते हैं कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला है। निवेशकों को भाजपा सरकार पर विश्वास नहीं है। मध्यप्रदेश में पहले से 25 हजार झूठी घोषणाएं की गईं। इस पर अमल नहीं हुआ। चुनाव के कारण फिर से झूठी घोषणाएं की जा रही हैं। जनता समझ चुकी है। अब जनता इनके झांसे में नहीं आएगी।
शिव 'राजÓ में हर वर्ग खुशहाल
प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने सुशासन की ऐसी मिसाल बनाई जिसमें राम राज्य की पूरी झलक मिलती है। खासकर अपनी चौथी पारी के 2 साल में उन्होंने एक ऐसी सरकार का खाका प्रस्तुत किया है जिसको देखकर बरबस मुंह से निकल जाता है-अबकी बार सबकी सरकार। यानी कोरोना संक्रमण के इस दौर में शिवराज सीएम कम अभिभावक ज्यादा दिखे हैं। उनके इस बदले नजरिए ने हर वर्ग को खुशहाल बना दिया है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार को सबसे बड़ा आधार सुशासन है। सुशासन की आठ प्रमुख विशेषताए हैं। यह आम सहमति, जवाबदेही, भागीदारी, पारदर्शी, उत्तरदायी, प्रभावी एवं कुशल, न्यायसंगत और समावेशी होने के साथ-साथ कानून के शासन का अनुसरण करता है। शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा ही इसका अनुशरण किया है। सुशासन की स्थापना के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए। शराब, खनिज, चिटफंड, मिलावट, भू-माफिया सहित आदतन अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया, तो सीएम जनसेवा योजना के तहत नागरिकों को घर बैठे निवासी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। 60 हजार से अधिक लोग इनका लाभ ले चुके हैं। चिन्हित सेवाओं के डीम्ड अप्रूवल की व्यवस्था लागू की गई है। योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आपकी सरकार-आपके साथ अभियान भी चलाया है।
2020 से पहले शिवराज सिंह चौहान अपने तीन कार्यकाल में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे। 13 साल के शासन काल में शिवराज की छवि एक उदारवादी नेता के रूप में थी, मगर चौथे कार्यकाल में उनका नया अवतार देखने को मिला है। अपने इस कार्यकाल में वह आम जनता के लिए फूल से भी अधिक कोमल और अपराधियों के लिए बज्र से भी अधिक कठोर है। मध्य प्रदेश में अब बलात्कारियों, गुंडे-बदमाशों के ठिकानों पर च्मामा का बुल्डोजरज् चल रहा है। सीएम ने अपराधियों को खुली धमकी दी है कि अगर उन्होंने किसी गरीब पर हाथ उठाया तो वो उनके घर सीधे बुलडोजर चला देंगे। एक कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा - एमपी के सारे अपराधी सुन लो, किसी गरीब या कमजोर पर हाथ उठाया तो तुम्हारे घर उखाड़कर उसे मिट्टी में मिला दूंगा। तुम्हें यहां शांति से जीने नहीं दूंगा। शिवराज सिंह चौहान भाजपा के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता भी बन गए हैं। हाल ही में उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 15 साल से अधिक समय तक प्रदेश के सत्ता सिहासन के सर्वोच्च पद पर रहना मामूली बात नहीं होती। पद से कद बढ़ता है और इसका असर व्यक्तित्व पर कहीं ना कहीं दिखाई दे जाता है। ज्यादा समय तक पद पर रहने वालों के सर पर अक्सर कुर्सी खुद बैठ जाती है पर शिवराज इसके अपवाद हैं। वह आज भी कुर्सी पर हावी है।
बुधवार, 19 जनवरी 2022
मंगलवार, 3 जुलाई 2018
दैनिक लोकदेश
सदस्यता लें
संदेश (Atom)