vinod upadhyay

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शनिवार, 2 जुलाई 2016

प्रशासनिक सर्जरी मंत्री मंडल के विस्तार के बाद

प्रदेश में जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयार की जा रही है। लेकिन यह सर्जरी संभवत: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही होगा। जिसमें कई प्रमुख सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर सचिव स्तर तक के अधिकारियों की नई पदस्थापनाएं की जाएगी। इसके साथ ही नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग में से पर्यावरण को अलग करने के बाद इसमें अलग से प्रमुख सचिव पदस्थ किया जाएगा। अभी दोनों का जिमा प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव के पास है, वहीं 1985 बैच के आईएएस अफसर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रभांशु कमल 30 जून को अपर मुख्य सचिव बन जाएंगे। उन्हें ये जिम्मेदारी 1982 बैच के अपर मुख्य सचिव राकेश अग्रवाल के सेवानिवृत्त होने के चलते मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक अग्रवाल के सेवानिवृत्त होने के बाद मंत्रालय में नए सिरे से जमावट होगी, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अफसरों के बीच चर्चा भी हुई दरअसल, प्रमुख सचिव स्तर पर बदलाव के लेकर मुख्यमंत्री निर्देश दे चुके हैं चीन जाने से पहले फेरबदल की तैयारी थी, लेकिन इसे रोक दिया गया था। इस बीच कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे को हटाना पड़ा। सागर व होशंगाबाद में कमिश्नर पद खाली है, तो शहडोल में पदस्थ डीपी अहिरवार नवंबर में रिटायर होंगे। शहडोल लोस उपचुनाव की संभावना को देखते हुए वहां नई पदस्थापना की जा सकती है। संभावित फेरबदल में करीब डेढ़ दर्जन जिलों के कलेक्टर बदलने जाना है। जबकि तीन संभाग होशंगाबाद, सागर एवं उज्जैन में संभागायुक्तों की तैनाती होनी है। होशंगाबाद एवं सागर संभागायुक्त प्रभार में चल रहे हैं। दो महीने पहले ग्वालियर संभागायुक्त बनकर गए एसएन रूपला को भी स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते बदले जाने की संभावना है। हालांकि रूपला को हटाने का फैसला मुख्यमंत्री को करना है। सिंहस्थ के बाद उज्जैन से कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, संभागायुक्त रवीन्द्र पस्तौर, एडीजी बी मधु कुमार, एसपी मनोहर सिंह वर्मा, नगर निगम आयुक्त अवनाश लवानिया को उज्जैन से हटाकर मनचाही पोस्टिंग मिल सकती है। कियावत को सागर संभागायुक्त या जनसंपर्क आयुक्त बनाया जा सकता है। इस फेरबदल में आधा सैकड़ा से अधिक अफसरों के फेरबदल की संभावना है। ये जिले हो सकते हंै प्रभावित इस फेरबदल में झाबुआ कलेक्टर अरुणा गुप्ता, उज्जैन कवीन्द्र कियावत, रतलाम बी चंद्रशेखर राव (केंद्रीय मंत्री ने सरकार से शिकायत की है), शिवपुरी कलेक्टर राजीव दुबे (भाजपा नेता और मंत्री नाखुश), भिण्ड कलेक्टर टी अलैया राजा (बड़े जिले की कमान मिल सकती है), रीवा कलेक्टर राहुल जैन, छतरपुर कलेक्टर मसूद अख्तर, भोपाल कलेक्टर निशांत बड़बरे, विदिशा कलेक्टर एमबी ओझा, नरसिंहपुर कलेक्टर सिबि चक्रवर्ती, सतना कलेक्टर के प्रभावित होने की संभावना है। कटनी कलेक्टर के लिए अवनीश लवानिया का नाम चर्चा में हैं। शीर्ष अफसरों के भी बदलेंगे विभाग राज्य मंत्रालय में आला अफसरों के विभाग बदले जा सकते हैं। जिनमें गृह विभाग में प्रमुख सचिव, सचिव डीपी गुप्ता, नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, परिवहन, उद्योग विभाग में उप सचिव, सचिव एवं प्रमुख सचिव स्तर पर बड़ा फेरबदल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री सचिवालय में भी फेरबदल की संभावना है। यह हो सकते हैं प्रभावित -इंदौर कमिश्नर संजय दुबे और श्रम आयुक्त केसी गुप्ता को मंत्रालय में नई जि मेदारी मिल सकती है। गुप्ता लोक निर्माण विभाग में जा सकते हैं। -पर्यावरण विभाग की जि मेदारी प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग प्रमोद अग्रवाल को मिल सकती है। -प्रमुख सचिव श्रम बीआर नायडू और प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण अशोक शाह के प्रभार बदल सकते हैं। -जिन कलेक्टरों की जि मेदारी में बदलाव होना है, उनमें विदिशा के एमबी ओझा, नरसिंहपुर के सिबि चक्रवर्ती, उज्जैन के कविंद्र कियावत के नाम हैं, इन्हें राजधानी में पदस्थ किया जा सकता है। पुलिस में भी होगी जमावट इसी महीने डीजीपी सुरेन्द्र सिंह रिटायर हो रहे हैं। एक जुलाई से आरके शुक्ला डीजीपी की कमान संभालेंगे। इसके बाद वे अपने हिसाब से मैदानी जमावट करेंगे। संभावत: डेढ़ दर्जन एसपी एवं कुछ रेंज आईजी की बदली हो सकती है। 17 बाबुओं का डिमोशन कर फिर बना दिया चपरासाी 6 साल तक कुर्सी में बैठकर बाबूगिरी करने वाले शिक्षा विभाग के 17 कर्मचारी अब कलम नहीं घसीट पाएंगे। संभागीय संचालक लोक शिक्षण (जेडी) ने प्रमोशन पाकर बाबू बने इन कर्मचारियों पर एक बार फिर प्यून का ठप्पा लगा दिया है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद महीनों की गई जांच और दस्तावेजों के वेरीफिकेशन के बाद जेडी ने 23 जून 2016 को नया आदेश जारी कर 2010 में प्यून से बाबू पद पर किए गए नियम विरुद्घ प्रमोशन रद्द कर दिए हैं। यानी प्रमोशन पाकर जो कर्मचारी इतने साल तक ठाठ से बाबूगिरी कर रहे थे उन्हें अब प्यून का काम करना होगा। 2010 में जबलपुर संभाग के करीब 55 चतुर्थ श्रेणी से तृतीय वर्ग श्रेणी में प्रमोशन किए गए। जेडी मनीष वर्मा ने जांच में पाया तत्कालीन जेडी द्वारा किए गए प्रमोशन में नियमों का पालन नहीं किया गया। 15 अपै्रल 2015 को जेडी मनीष वर्मा ने सभी के प्रमोशन रद्द कर दिए। इसमें जिले के 20 बाबू प्रभावित हुए। बाबुओं ने हाईकोर्ट याचिका की शरण ली। कोर्ट ने जेडी को नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए। कोर्ट के निर्देश पर की गई दोबारा जांच और दस्तावेजों के वेरीफिकेशन, सुनवाई के बाद जेडी ने जिले के 17 बाबुओं के प्रमोशन नियम विरुद्घ करार देते हुए निरस्त कर दिए। संभागीय संचालक मनीष वर्मा ने बताया कि दस्तावेजों के वेरीफिकेशन और सुनवाई के बाद 2010 में किए गए नियम विरुद्घ प्रमोशन निरस्त कर दिए गए हैं। डीईओ को भी अवगत करा दिया गया है।

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