vinod upadhyay

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गुरुवार, 6 मार्च 2014

मध्य प्रदेश में नहीं रहना चाहती कृष्ण की आईएएस पत्नी

भोपाल। प्रदेश में अपनी तेजतर्रार छवि और मिलनसार व्यक्तित्व के कारण आईएएस लॉबी में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली 1992 बैच की आईएएस और टेक्सटाइल निगम मुंबई में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रही स्मिता गाटे भारद्वाज(महाभारत के कृष्ण नीतीश भारद्वाज की पत्नी) केंद्र से वापस आते ही लंबे अवकाश पर जाने की जुगाड़ में जुट गई हैं। उन्होंने जीएडी में अपनी ज्वाइनिंग देने के पश्चात लंबे अवकाश पर चली गई है। इसके लिए उन्होंने बच्चों की शिक्षा को आधार बनाया। स्मिता के इस कदम से पहले से आईएएस अधिकारियों की कमी के कारण परेशान मप्र सरकार की चिंता और बढ़ गई है।
2010 की सबसे चर्चित आईएएस मप्र कैडर की आईएएस अधिकारी स्मिता भारद्वाज वैसे तो अपने शुरूआती समय से ही चर्चा में रही हैं। लेकिन वह सबसे अधिक चर्चा में उस समय आई जब केंद्र सरकार के एक फैसले के कारण उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधीकरण (कैट) में अपील की। दरअसल,उनको 2 फरवरी 2009 में काउंसिल की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में मुंबई में पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया था। इसके कुछ माह बाद ही उन्होंने वहां पाई गई कुछ अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की। इस पर कपड़ा मंत्रालय ने 24 मई 2010 को उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें वापस मूल कैडर में भेजने के आदेश जारी किए। इसके खिलाफ स्मिता भारद्वाज कैट चली गईं। कैट में केंद्र सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से तर्क दिया कि मध्यप्रदेश की यह अफसर निजी कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर गई हैं। केंद्र सरकार के दो वरिष्ठ आईएएस अफसरों-रीटा मेनन एवं शांतनु कंसल (कपड़ा मंत्रालय एवं कार्मिक प्रशासन मंत्रालय के तात्कालिन सचिव) के इस तर्क पर कि स्मिता भारद्वाज केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर नहीं हैं, प्रशासनिक हल्कों में आश्चर्य व्यक्त किया गया। कैट के न्यायाधीश जोगसिंह और सुधाकर मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने कपड़ा मंत्रालय के उक्त आदेश को अवैध, असंवैधानिक और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ मानकर रद्द कर दिया। अपने 44 पेज के आदेश में कैट ने भारत सरकार की इस दलील पर आश्चर्य जताया कि स्मिता केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर नहीं थीं। कैट ने कहा कि स्मिता भारद्वाज प्रतिनियुक्ति गाइडलाइंस के पैरा 6 (1) (1.2.1) के अनुसार एसआरटीईपीसी में मध्यप्रदेश से प्रतिनियुक्ति पर भेजी गई थी। वे प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र हैं और इसलिए उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा कैडर क्लियरेंस उचित था। स्मिता भारद्वाज के पक्ष में कैट का फैसला आया। कैट मुंबई ने सिंथेटिक एंड रैयान टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एसआरटीईपीसी) की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर स्मिता भारद्वाज (घाटे) की प्रतिनियुक्ति को समाप्त करने के कपड़ा मंत्रालय के आदेश को खारिज कर दिया। कैट ने उन्हें तत्काल प्रभाव से उसी पद पर बहाल करने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि इस कानूनी लड़ाई के चलते स्मिता भारद्वाज करीब छह माह अवैतनिक अवकाश पर रहीं थीं। मप्र सरकार के असहयोग से खफा 2 फरवरी 2009 से 1 फरवरी 2014 तक की अपनी पांच साल की प्रतिनियुक्ति अवधि से वापस मप्र आई स्मिता गाटे भारद्वाज की छुट्टी पर जाने के कारणों को खोजा जाने लगा है। बताया जा रहा है कि मूलत: महाराष्ट्र की निवासी स्मिता को जब कपड़ा मंत्रालय ने 24 मई 2010 को उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें वापस मूल कैडर में भेजने के आदेश जारी किए थे तो न मप्र की सरकार और न ही यहां के आईएएस अधिकारियों ने उनका सहयोग किया था। अपने कैडर वाले राज्य से सहयोग न मिलने के बाद से ही वह यहां के शासन-प्रशासन से खफा हैं। दूसरा कारण यह है कि अपनी तेजतर्रार छवि के कारण वह पहले से ही यहां के वरिष्ठ नौकरशाहों की आंख की किरकिरी बनी हुई हैं। जब वह सीहोर कलेक्टर थीं तो उनके खिलाफ कई नौकरशाहों ने मोर्चा खोल रखा था और उनके खिलाफ कई अफवाहों को हवा दिया गया थ। तीसरा कारण यह बताया जा रहा है कि जिस तरह उनके पति को मप्र की राजनीति से दरकिनार कर दिया गया उससे नीतीश और वे दोनों दोबारा मप्र में नहीं रहना चाहते हैं। कृष्ण से की दूसरी शादी गौरतलब है कि बीआर चौपड़ा की महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका करके घर-घर में लोकप्रिय होने वाले नीतीश भारद्वाज से स्मिता भारद्वाज ने 2008 में दूसरा ब्याह किया था। पुणे में मप्र सरकार की एक बैठक के दौरान नीतीश और स्मिता की पहली मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे दोनों का रिश्ता गहराता गया और दोनों की सगाई पुणे में स्मिता के घर में हुई। इसमें स्मिता और नीतीश के कुछ दोस्तों ने भी हिस्सा लिया था। नीतीश अपनी पत्नी मोनिषा से तीन साल से अलग रह रहे थे। मोनिषा विमला पाटिल की बेटी है। नीतीश की दूसरी पत्नी स्मिता गाटे का भी अपने पहले पति से तलाक हो चुका है। नितिश और मोनिषा का विवाह 27 दिसंबर 1991 को हुआ था। सांसद भी रह चुके हैं स्मिता के पति स्मिता के पति नीतीश भारद्वाज 1996 में जमशेदपुर संसदीय सीट से चुनाव जीत कर सांसद रह चुके हैं। हालांकि उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के राघोगढ़ से चुनाव लड़ा था और वे लक्ष्मण सिंह से हार गए थे। उमा भारती जब मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी तो उन्होंने नीतीश भारद्वाज को मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन जिस उनकी निगम से विदाई हुई थी उससे नीतीश को गहरा धक्का लगा था।

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