vinod upadhyay

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बुधवार, 25 मई 2011

छ: माह बाद भी नहीं मिली अंकसूची

विनय उपाध्याय
भोपाल. । इन दिनों राज्य ओपन स्कूल परीक्षा की व्यवस्थाएँ बेहाल हैं। परीक्षा हुए 10 माह हो गए लेकिन परीक्षार्थी अंकसूची के लिए भटक रहे हैं। अंकसूची के अभाव में वे अगली कक्षा में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। जिन्हें अंकसूचियाँ मिली हैं इसमें भी कई प्रकार की गलतियाँ हैं इसे सुधारने के लिए भोपाल के चक्कर काटना पड़ रहे हैं।
अगस्त 2010 में ओपन स्कूल परीक्षा आयोजित हुई थी। रिजल्ट भी घोषित हुए तो आधे-अधूरे। हजारों परीक्षार्थियों को अब तक अंकसूची ही नहीं मिली हैं। कइयों की अंकसूची में विषयों के सामने उत्तीर्ण अंकित है और नीचे अंतिम निर्णय अनुत्तीर्ण का दिया गया है। त्रुटि सुधार के लिए दिए आवेदनों पर लंबे समय से कोई विचार नहीं हो रहा है। ऐसे में अगली कक्षा में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को अंकसूची के अभाव में प्रवेश निरस्त करना पड़ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा परेशान बारहवीं के परीक्षार्थी हो रहे हैं। कइयों ने अंकसूची आने के पहले ही व्यावसायिक परीक्षाओं के फार्म भर दिए थे या कॉलेज में प्रवेश के पैसे भर दिए थे। इससे हजारों बच्चों का पूरा एक साल खराब हो रहा है।
अंकसूची मिली नहीं, पूरक की अंतिम तिथि 30
अब तक हजारों परीक्षार्थियों के पास अंकसूची नहीं पहुँची है और परीक्षा संचालक द्वारा पूरक परीक्षा की अंतिम तिथि 30 मई घोषित कर दी है। बिना अंकसूची देखे किस आधार पर पूरक के आवेदन किए जाएँगे? उधर 2010 दिसंबर में होने वाली परीक्षा भी अब तक आयोजित नहीं होने से भी परीक्षार्थी परेशान हैं। वे छ: माह से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की घोषणा हवा
शासन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरह सभी संभागों में राज्य ओपन स्कूल के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने, अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त करने की घोषणा किए सालभर हो गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। परीक्षा संबंधी कोई भी परेशानी होने पर विद्यार्थियों को सीधे भोपाल के ही चक्कर लगाना पड़ते हैं। शासन के एक माह में ही क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के आदेश की हवा निकल गई।

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