vinod upadhyay

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बुधवार, 25 मई 2011

फर्जीवाड़ा किया तो पहले जेल, फिर सुनवाई!
भोपाल. जो लोग जिंदगीभर की कमाई से अपने लिए मकान या प्लॉट खरीदते हैं, उनके सपनों को बिल्डर व कॉलोनाइजर की जालसाजी से बचाने के लिए भोपाल व नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव ने कानून बनाने का मसौदा सरकार को भेजा है। यदि सरकार ने इस पर गौर कर कानून बना दिया, तो जमीन का फर्जीवाड़ा करने वालों को सीधे जेल जाना होगा। जालसाज पहले जेल जाएंगे, उनके जेल में रहते हुए ही मामले की सुनवाई होगी। आरोप साबित हुआ, तो सालभर की सजा काटनी होगी और जुर्माना भी देना होगा।
जमीन हड़पने वाले भूमाफिया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी अपराधी होंगे। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटीज ऑफ लैंड ग्रैबर्स एक्ट के तहत ऐसी व्यवस्था बनाने पर विचार चल रहा है, जिसमें जालसाज बिल्डरों की करतूतों को पहले से जानकर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
मिनाल रेसीडेंसी में सरकारी जमीन पर बने मकानों के अवैध होने के बाद सरकार का ध्यान फिर इस दिशा में गया है। अफसरों का कहना है कि अब फिर किसी के साथ मिनाल जैसा फर्जीवाड़ा न हो इसके लिए ऐसा कानून जरूरी है।
आंध्रप्रदेश की तर्ज पर हो कानून
भोपाल कमिश्नर द्वारा भेजे गए मसौदे के अनुसार बिल्डरों के गैरकानूनी कामों पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश में आंध्र प्रदेश की तर्ज पर यह कानून बनाया जाना चाहिए। वहां ऐसे लोगों को तीन महीने के लिए जेल का प्रावधान है। आरोप साबित होने पर जेल व जुर्माना हो सकता है।
रासुका भी लगेगा: शासन को भेजे प्रस्ताव में उल्लेख है कि राज्य सुरक्षा कानून में संशोधन करके इसमें जमीन हड़पने वालों पर भी सजा निर्धारित की जानी चाहिए।
क्या है दिक्कत
यूरोपीय देशों में बिल्डर और कॉलोनाइजर के लिए निर्धारित योग्यता जरूरी है। हमारे यहां ऐसा न होने से यह तय करना मुश्किल है कि कौन लोग बिल्डर और कॉलोनाइजर हैं? अधिकारियों का कहना है कि कानून बनता है तो बिल्डरों व कॉलोनाइजरों को चिह्न्ति करने का काम भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।
जमीन हड़पने वालों पर कार्रवाई के उद्देश्य से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अभी तक शासन धोखाधड़ी होने के बाद कार्रवाई करता है।""
मनोज श्रीवास्तव,कमिश्नर,भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग

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